विश्व साम्यवाद
विश्व साम्यवाद, जो अन्तरराष्ट्रीय साम्यवाद या वैश्विक साम्यवाद के रूप में भी जाना जाता हैं, साम्यवाद का एक प्रकार है, जिसमें अन्तरराष्ट्रीय विषय-क्षेत्र का समावेश है। विश्व साम्यवाद का दीर्घकालिक लक्ष्य एक विश्वव्यापक साम्यवादी समाज है जो राज्यहीन हो (बिना किसी राज्य के), जो या तो सम्प्रभु राज्यों के स्वयंसेवी संघ (एक वैश्विक सन्धि) के या एक विश्व सरकार (एक अकेला विश्वव्यापक राज्य) के, मध्यवर्ती लक्ष्य के द्वारा प्राप्त किया जा सकता हैं।
स्टॅलिनवादी युग के दौरान, एक देश में समाजवाद का विचार, जिसे अनेक अन्तरराष्ट्रीय साम्यवादियों ने अव्यवहार्य माना, सोवियत संघ की कम्युनिस्ट पार्टी की विचारधारा का हिस्सा बन गया, क्योंकि जोसेफ स्टॅलिन और उनके समर्थकों ने यह निष्कर्ष निकाला कि विश्व क्रान्ति को आसन्न समझना सरलमति थी।
शीत युद्ध के अन्त को, जिसने 1989 की क्रान्तियाँ और सोवियत संघ का विघटन लाएँ, अक़्सर साम्यवाद का पतन कहा जाता हैं; और तब से एक व्यापक आम-सहमति यह है कि अन्तरराष्ट्रीय साम्यवाद का कोई भी आगमन सम्भाव्य नहीं है।
सन्दर्भ
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