विष्णुगुप्त चन्द्रादित्य गुप्त साम्राज्य के सम्राट थे। उन्हें गुप्त वंश के आखिरी राजा के रूप में जाना जाता है। उनका कार्यकाल 540 ई॰ से 550 ई॰ तक 10 वर्ष का रहा। नालन्दा में सन् 1927–28 में खुदाई के दौरान यह ज्ञात हुआ कि वो कुमारगुप्त तृतीय के पुत्र एवं नरसिंहगुप्त बालादित्य के सुपौत्र थे।[1]

उनके साम्राज्य में विभिन्न प्रशासनिक व्यवस्थाएं थीं ।सबसे बड़ी इकाई को 'देश' कहा जाता था। राज्य को 'भुक्ति' और 'भुक्तिपति' कहा जाता था। जिले को 'विषय' और 'विषयपति' कहा जाता था। तहसील को 'बिंदिया' और ग्राम सभा को 'ग्रामिक' कहा जाता था।

विष्णुगुप्त के समय मुख्य अधिकारी

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  • उपरिक: राज्य के प्रमुख अधिकारी
  • कुमारअमात्य: प्रशासनिक अधिकारी
  • दंडपासिक: पुलिस विभाग के मुख्य अधिकारी
  • बलाधिकृत: सेना के कोष अधिकारी
  • महादंडनायक: न्यायिक अधिकारी

सेना के प्रकार

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  • गज सेना
  • अश्व सेना
  • सैन्य प्रमुख: राजा, युवराज।
  1. अग्रवाल, अश्विनी (1989). Rise and fall of the imperial Guptas (अंग्रेज़ी में). दिल्ली: मोतीलाल बनारसीदास. पपृ॰ 238–9. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-208-0592-7.