विस्कोस, एक श्यान कार्बनिक तरल है, जिसका प्रयोग रेयान और सेलोफेन आदि को बनाने में किया जाता है। विस्कोस को अक्सर रेयान का पर्याय माना जाता है जो, एक मुलायम तंतु है और सामान्यतः कमीजें, शॉर्ट्स, कोट, जैकेट, जैसे बाहरी वस्त्र बनाने में प्रयुक्त होता है।

 
क्षार और कार्बन डाइसल्फ़ाइड द्वारा सेलूलोज़ का उपचार विस्कोस उत्पन्न करता है

सबसे पहले लकड़ी की घुलनशील लुगदी को कास्टिक सोडा में घोला जाता है और, एक निर्धारित समय के बाद इसे पुन: मथ कर पकने (लम्बे समय के लिए यूँ ही छोड़ देना) के लिए छोड़ दिया जाता है। पकाने की प्रक्रिया से विस्कोस की श्यानता बढ़ती है। इसे जितना अधिक पकाया जायेगा उतना ही इसकी श्यानता में भी वृद्धि होगी। इसके बाद पकी हुई लुगदी का उपचार कार्बन डाइसल्फ़ाइड के साथ किया जाता है जिसके फलस्वरूप, पीले रंग का सेलूलोज़ ज़ैंथेट (cellulose xanthate) बनता है। इसे फिर से एक कम सान्द्रता वाले कास्टिक सोडा विलयन में घोला जाता है। यह विस्कोस निर्माण का प्रारंभिक चरण है। इस प्रक्रिया के दौरान धागे में चमक लाने के लिए क्षारीय सेलूलोज़ में एसीटेट डोप मिलाई जाती है।