वीर्य स्खलन
(वीर्यपात से अनुप्रेषित)
यौन संगम या हस्त मैथुन के समय जब पुरुष के शिश्न (पुरुष जननांग या लिंग) में यौन उत्तेजना होती है और यौन-उत्तेजना के चरम बिन्दु पर शिश्न से वीर्य निकलता है, इसे ही वीर्यपात या वीर्यस्खलन (ejaculation) कहते हैं। वीर्यपात के समय पुरुष को चरमानन्द प्राप्त होता है।[1]
प्री-कम की मात्रा कम (दो-तीन बूंद) ही होती है, जबकि स्खलन की मात्रा 2-3 एमएल होती है। प्री-कम में निकला लिक्विड पारदर्शी और चिपचिपा होता है जबकि स्खलन में निकला लिक्विड पीलापन लिए सफेद होता है और इसमें चिपचिपाहट भी नहीं होती। सामान्यतः 10 से 15 वर्ष की आयु में बच्चा प्रथम बार हस्त मैथुन करता है। स्खलन में वीर्य की मात्रा 5ml से 20ml तक होती है। वीर्य तैयार होने का कार्य वृषण में होता है।
इन्हें भी देखें
संपादित करें- स्त्री स्खलन
- शीघ्रपतन
- स्टील्थिंग
- क्रीमपाइ (यौन क्रिया)
- वीर्य विश्लेषण
- यौन अपविकास (sexual Dysfunction)