गोना वेमा बुद्धा रेड्डी - वेमना (१६५२-१७३०) दक्षिण आंध्र क्षेत्र के एक तेलुगु कवि और विचारक थे जिनको वेदों और योग ज्ञानोपदेश के लिए जाना जाता है। इनका असली नाम गोना वेमा बुद्धा रेड्डी था। इनको योगी वेमना के नाम से पुकारा जाता है। इनका जन्म आन्ध्र प्रदेश के जिला नेल्लोर में हुआ था।

वेमना

तेलुगु साहिती इतिहास में इनकी पद्य रचनायें "वेमना शतकालु" (వేమన శతకాలు) के नाम से प्रसिद्द हैं। सी.पी.ब्रौन ने इनकी कविताओं को 19 वीं शताब्दी में संग्रह और प्रकाशित किया। [1]

प्रारंभिक जीवन

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वेमना के जीवन काल को लेकर लोगों का अलग अलग ख़याल है। सी.पी। ब्राउन ने वेमना की जीवनी पर परिशोधन किया, वेमना की कविताओं के अनुसार इस का मानना है कि वेमना का जन्म 1652 में हुहा। कई अन्य के अनुसार इनका जन्म १५वीं १६वीं और १७वीं शताब्दी है। [2]

वेमना एक किसान के परिवार से थे। सी.पी.ब्राउन के अनुसार वेमना "जंगम" कुटुंब से थे जो लिंगायत की एक शाखा है।

वेमना के पिता गड्डम वेम थे, वेमना इनकी तीसरी संतान थी।

  1. Brown, C.P. (1829). Verse of Vemana: Translated from the Telugu Archived 2017-08-24 at the वेबैक मशीन.
  2. Jackson, William Joseph (2004). Vijayanagara voices: exploring South Indian history and Hindu literature. Ashgate Publishing. पृ॰ 112. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-7546-3950-3.