वैद्युत अवयवयों (electrical elements) की संकल्पना (कांसेप्ट) वैद्युत नेटवर्कों के विश्लेषण में प्रयुक्त होती है। इसको वास्तविक 'वैद्युत अवयव' अथवा वास्तविक एलेक्ट्रॉनिक अवयव के बजाय 'आदर्श वैद्युत अवयव' समझना चाहिये।

वैद्युत अवयव (Electrical components)

किसी भी वैद्युत नेटवर्क को मॉडल करने के लिये उसे विद्युत के सरलतम् अवयव के नेटवर्क के रूप में अभिव्यक्त किया जा सकता है। ध्यान देने की बात है कि व्यावहारिक/भौतिक रूप से 'विद्युत अवयवों' का कोई अस्तित्व नहीं है। इनकी संकल्पना कुछ विद्युत के आदर्श, सरलीकृत अवयवों के रूप में की गयी है। एक या कुछ वैद्युत अवयवों की सहायता से किसी भी भौतिक (फिजिकल) एलेक्ट्रॉनिक अवयव को निरुपित किया जा सकता है।

वैद्युत अवयव

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रिअल पैसिव टू पोर्ट नेटवर्क का तीन वैद्युत अवयवोम द्वारा तुल्य निरूपण

किसी भी परिपथ के ४ मुख्य चर (variables) होते हैं -

इन चार चरों का विचार करते हुए, केवल नौ (९) वैद्युत अवयवों के द्वारा किसी भी रैखिक परिपथ को निरूपित करना सम्भव है।

  • अमूर्त ऐक्टिव अवयव (abstract active elements) - चार
    • वोल्टता द्वारा नियन्त्रित वोल्टता स्रोत (Voltage Controlled Voltage Source (VCVS))
    • वोल्टता द्वारा नियन्त्रित धारा स्रोत (Voltage Controlled Current Source (VCCS))
    • धारा द्वारा नियन्त्रित वोल्टता स्रोत (Current Controlled Voltage Source (CCVS))
    • धारा द्वारा नियन्त्रित धारा स्रोत (Current Controlled Current Source (CCCS))

अरैखिक वैद्युत अवयव (Non-linear elements)

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  • प्रतिरोध को प्रथम कोटि की शुद्धता में प्रतिरोध से निरूपित किया जा सकता है किन्तु यदि अधिक शुद्धता से निरूपण आवश्यक हो तो इस प्रतिरोध के श्रेणीक्रम में एक प्रेरकत्व भी जोड़ा जाता है जो इस प्रतिरोधक के सिरों आदि के प्रेरकत्व के बराबर प्रेरकत्व होता है।
  • प्राय: अर्धचालक एलेक्ट्रॉनिक युक्तियों (जैसे बीजेटी, ऑप-एम्प, मॉसफेट आदि) को निरूपित करने के लिये धारा स्रोत की आवश्यकता पड़ती है। उदाहरण के लिये बीजेटी (BJT) को मोटामोटी एक चर-धारा-स्रोत के रूप में समझा जाता है जिसका मान इनपुट वोल्तता से नियंत्रित होता है।

इन्हें भी देखें

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