वैयक्तिक उपयोग की वस्तुएं, अर्जित आय तथा बचत साथ ही उत्पादन के कतिपय साधन जो व्यक्तिगत रूप से इस्तेमाल किए जाते हैं, वैयक्तिक संपत्ति (Personal Property) कहलाते हैं। वैयक्तिक संपत्ति की प्रकृति निजी संपत्ति से मूलतः भिन्न होती है। निजी संपत्ति मनुष्य द्वारा मनुष्य के शोषण के, दूसरों के श्रम के फलों को हड़पने के साधन के रूप में काम करती है परन्तु वैयक्तिक संपत्ति की मान्यता का अर्थ उसकी असीमित संवृद्धि नहीं है। समाजवाद के अंतर्गत अनर्जित आय की प्राप्ति के उद्देश्य से वैयक्तिक संपत्ति के दुरुपयोग की संभावना बनी रहती है। परंतु साम्यवाद के अंतर्गत वैयक्तिक संपत्ति की संकल्पना का कोई अर्थ नहीं रह जाएगा, क्योंकि वैयक्तिक आवश्यकताओं की पूर्ति मुख्यतया सामाजिक कोषों से होगी।[1]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. दर्शनकोश, प्रगति प्रकाशन, मास्को, १९८0, पृष्ठ-६११, ISBN: ५-0१000९0७-२