अपने जीवन साथी के साथ उनकी मर्ज़ी के बग़ैर संभोग करना वैवाहिक बलात्कार है।[1] सहमति की कमी आवश्यक तत्व है और इसमें शारीरिक हिंसा शामिल हो ऐसा ज़रूरी नहीं है। वैवाहिक बलात्कार को घरेलू हिंसा और यौन शोषण का एक रूप माना जाता है। हालांकि, ऐतिहासिक रूप से, शादी के बाद संभोग को पति या पत्नी का हक़ माना जाता था, लेकिन अब जीवन साथी की सहमति के बिना संभोग करना क़ानून और समाज द्वारा व्यापक रूप से गलत और एक अपराध माना जाता है।[2] इसे दुनिया भर के कई समाजों द्वारा बलात्कार के रूप में मान्यता प्राप्त है।

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "वैवाहिक बलात्कार का अपराधीकरण". अभिगमन तिथि 15 जनवरी 2022.
  2. "वैवाहिक बलात्कार अपराध है या नहीं, फैसले पर नहीं पहुंच सकी दिल्ली हाईकोर्ट". एनडीटीवी. अभिगमन तिथि 11 मई 2022.