वैश्विक भाषा प्रणाली "भाषा समूहों के बीच सम्बन्धों का सरल पैटर्न" है।[1] डच समाजशास्त्री अब्राम डी स्वान ने 2001 में अपनी पुस्तक वर्ड्स ऑफ द वर्ल्ड : द ग्लोबल लैंग्वेज सिस्टम में इस सिद्धान्त को विकसित किया और उनके अनुसार, "भाषा समूहों के बीच बहुभाषी सम्बन्ध बेतरतीब ढँग से नहीं होते हैं, लेकिन इसके विपरीत, वे आश्चर्यजनक रूप से मजबूत होते हैं। और कुशल नेटवर्क जो एक साथ - प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से - पृथ्वी के छह अरब निवासियों को जोड़ता है।"[2] वैश्विक भाषा प्रणाली दुनिया की भाषाओं के बीच सम्बन्धों के लिए विश्व प्रणाली सिद्धान्त को आकर्षित करती है और उन्हें चार स्तरों, अर्थात् परिधीय, केन्द्रीय, अधिकेन्द्रीय (अंग्रेजी :Supercentral ; देवनागरीकृत : सुपरसेण्ट्रल ) और अतिकेन्द्रीय (अंग्रेजी : Hypercentral ; देवनागरीकृत : हाइपरसेण्ट्रल ) भाषाओं से मिलकर एक पदानुक्रम में विभाजित करती है।

यह सभी देखें संपादित करें

  1. https://books.google.com/books?id=AFH8i82oteYC&pg=PA5
  2. https://books.google.com/books?id=AFH8i82oteYC&pg=PA5