वॉइस ओवर इण्टरनेट प्रोटोकॉल

आवासीय नेटवर्क में वीओआईपी तंत्रजाल का आरेख

वीओआईपी संचार और अवसंरचना की कीमत कम कर देता है। यह वाणी पाठ संपीड़न यानि स्पीच डाटा कंप्रेशन तकनीक का प्रयोग करता है, जिसके कारण यह डाटा रेट कम करता है। वीओआईपी का डुप्लीकेट नेटवर्क सिस्टम बनाना सरल नहीं है, इस कारण इसकी टैपिंग आदि का खतरा नहीं है। एक ब्रॉडबैंड कनेक्शन पर एक ही समय में एक से ज्यादा टेलीफोन कॉल को प्रसारित कर सकते हैं। इससे वीओआईपी के रूप में आपको अतिरिक्त टेलीफोन लाइन मिल जाती है। यानि कम लाइनों में ही अधिक संचार सुविधा। इस सेवा को दूसरी सेवाओं के साथ जोड़कर देखा जा सकता है जैसे वीडियो संदेश आदान-प्रदान, मैसेज, डाटा संचिका अंतरण, ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग आदि भी कर सकते हैं। इस सेवा में एडवांस टेलीफोनी फीचर जैसे कॉल रूटिंग, स्क्रीन पॉप और आईवीआर की सुविधा उपलब्ध होती है। जहां आम टेलीफोन सीधे टेलीफोन कंपनी की फोन लाइन से जुड़े होते हैं जो प्रायः कई कारणों से बेकार हो जाते हैं, तो वहीं वीओईपी सीधे सर्वर रूटर से जुड़े होते हैं, जिसकी वजह से उनकी खराब होने की संभावना कम होती है। नेटवर्क व्यस्त रहने जैसी शिकायत आईपी नेटवर्क में सामान्यत: नहीं होती। अतः यह लंबी दूरी की कॉल करने का प्रभावी तरीका है।[4]

इसका प्रयोग आजकल आतंकवादियों में भी बहुत प्रचलित हो रहा है। वीओआईपी के द्वारा बुरी नीयत से कुछ लोग इंटरनेट पर प्रयोक्तानाम और पासवर्ड भी चुराते पाये गये हैं, जिसे विशिंग कहा जाता है।[5]

  1. वीओआईपी: वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल[मृत कड़ियाँ]
  2. "वेलकम आईपीटीवी". मूल से 11 अगस्त 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 सितंबर 2009.
  3. इंटरनेट टेलिफोनी के सुरक्षा इंतजाम की तैयारी [मृत कड़ियाँ]
  4. "वीओआईपी - कारण आप इसे ले जाना चाहिए". मूल से 14 जुलाई 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 सितंबर 2009.
  5. "अब विशिंग ने किया जीना मुहाल". मूल से 22 मई 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 सितंबर 2009.

बाहरी कड़ियाँ

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