वोल्गा से गंगा , राहुल सांकृत्यायन की प्रसिद्ध काल्पनिक कृति है। यह मातृसत्तात्मक समाज में स्त्री के बर्चस्व की बेजोड़ रचना है।[1] यह राहुल सांकृत्यायन द्वारा लिखी गई बीस काल्पनिक कहानियों का संग्रह है। इसकी कहानियाँ आठ हजार वर्षों तथा दस हजार किलोमीटर की परिधि में बँधी हुई हैं। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि यह कहानियाँ भारोपीय मानवों की सभ्यता के विकास की पूरी कड़ी को सामने रखने में सक्षम हैं। 6000 ई.पू. से 1942 ई. तक के कालखंड में मानव समाज के ऐतिहासिक, आर्थिक एवं राजनीतिक अध्ययन को राहुल सांकृत्यायन ने इस कहानी-संग्रह में बाँधने का प्रयास किया है। हालांकि यह पूरी तरह काल्पनिक है

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  1. "मातृसत्ताक समाज और 'वोल्गा से गंगा'– सारदा बनर्जी". मूल से 25 नवंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 नवंबर 2016.