व्यापारिक कृषि, एक प्रकार की खेती है जिसमें फसलों को केवल व्यावसायिक उपयोग के लिए उगाया जाता है। यह खेती का एक आधुनिक तरीका है जो बड़े पैमाने पर किया जाता है। इस प्रकार की खेती में बड़ी भूमि, श्रम और मशीनों का उपयोग किया जाता है। एक्वापॉनिक्स खेती व्यावसायिक खेती का सबसे अच्छा तरीका है क्योंकि इस खेती में हम एक ही कृषि प्रणाली में पौधों और मछलियों को विकसित कर सकते हैं। तो यह हमारी उत्पादन लागत को कम कर सकता है और खेती के हमारे लाभ को बढ़ा सकता है। कृषि के वाणिज्य करण का स्तर विभिन्न प्रदेशों में अलग-अलग है उदाहरण के लिए हरियाणा और पंजाब में चावल वाणिज्य की एक फसल है परंतु ओड़िशा में यह एक आजीविका फसल है। रोपण कृषि भी एक प्रकार की वाणिज्यिक खेती है इस प्रकार की खेती में लंबे चौड़े क्षेत्र में एकल फसल बोई जाती है रोपण कृषि, उद्योग और कृषि के बीच एक अंतरा पृष्ठ(Interface) है।रोपण कृषि भी एक प्रकार की वाणिज्यिक खेती है। इस प्रकार की खेती में लंबे-चौड़े क्षेत्र में एकल फसल बोई जाती है। रोपण कृषि, उद्योग और कृषि के बीच एक अंतरापृष्ठ (interface) है। रोपण कृषि व्यापक क्षेत्र में की जाती है जो अत्यधिक पूँजी और श्रमिकों की सहायता से की जाती है। इससे प्राप्त सारा उत्पादन उद्योग की में कच्चे माल के रूप में प्रयोग होता है।

भारत में चाय, कॉफी, रबड़, गन्ना, केला इत्यादि की महत्त्वपूर्ण रोपण फसले हैं। असम और उत्तरी बंगाल में चाय, कर्नाटक में कॉफी वहाँ की मुख्य रोपण फसलें हैं। चूँकि रोपण कृषि में उत्पादन बिक्री के लिए होता है जैसे:-दक्षिण भारत में केले की रोपण कृषि

कृषि के प्रकार पृथ्वी
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