शकुन्त माथुर (24 फ़रवरी 1920 – 12 सितम्बर 2004) भारतीय कवयित्री थीं।[1][2] उनका पूरा नाम शकुन्तला माथुर था। अज्ञेय ने उनकी रचनाओं को 'दूसरा सप्तक' में शामिल किया।[3]

व्यक्तिगत जीवन

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शकुन्तला का जन्म 24 फ़रवरी 1920 को दिल्ली में हुआ। वो अपने भाई-बहनों में सबसे बड़ी थी और युवावस्था से ही स्वतंत्रता आंदोलनों में भाग लेने लगी जिससे उनके साथी उन्हें शेरनी कहते थे।[4] गिरिजा कुमार माथुर के साथ 1940 में उनका विवाह हुआ।

प्रमुख काव्य कृतियां

  1. चांदनी चूनर (1961)
  2. अभी और कुछ (1966)
  3. लहर नहीं टूटेगी (1990)

कुछ प्रतिनिधि रचनाएं—

  • दोपहरी
  • डर लगता है
  • पानी बहुत बरसा
  • जब मैं थका हुआ घर आऊ
  1. कुमार, कुलदीप (2021-08-31). "Women writers have been marginalised in Hindi literature for far too long". द हिन्दू (अंग्रेज़ी में). आइ॰एस॰एस॰एन॰ 0971-751X. अभिगमन तिथि 2024-11-17.
  2. "हम होंगे कामयाब वाले गिरिजाकुमार माथुर की 'छाया मत छूना' सहित 5 श्रेष्ठ कविताएं". आज तक. 2019-08-22. अभिगमन तिथि 2024-11-17.
  3. कुमार, कुलदीप (2018-02-08). "Remembering the conscience keeper". द हिन्दू (अंग्रेज़ी में). आइ॰एस॰एस॰एन॰ 0971-751X. अभिगमन तिथि 2024-11-17.
  4. रोसेनस्टाइन, लकी, संपा॰ (2003). New poetry in Hindi: nayi kavita; an anthology. दिल्ली: पर्मानेंट ब्लैक. पृ॰ 124. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-7824-051-0.

बाहरी कड़ियाँ

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