शराबी (1964 फ़िल्म)

1964 की राज ऋषि की फ़िल्म

शराबी 1964 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसका निर्देशन राज ऋषि ने किया और इसमें देव आनन्द और मधुबाला मुख्य भूमिकाओं में हैं। मदन मोहन का संगीत और राजेन्द्र कृष्ण के गीत हैं।

शराबी

शराबी का पोस्टर
निर्देशक राज ऋषि
पटकथा राज ऋषि
अभिनेता देव आनन्द,
मधुबाला
संगीतकार मदन मोहन
प्रदर्शन तिथि
1964
देश भारत
भाषा हिन्दी

संक्षेप संपादित करें

केशव (देव आनन्द) अपने पिता, दीनानाथ, माँ और छोटी बहन के साथ भारत के एक छोटे से शहर में गरीबी में जीवन बिताते रहता है। वो एक शराबी रहता है और अपने पिता के गुजर जाने के बाद वो अपने आप को पूरी तरह बदलने का वादा करता है। उसके इस वादे से उसकी माँ और उसकी प्रेमिका, कमला (मधुबाला) को सुकून के पल मिलते हैं। इसी के साथ-साथ कमला के व्यापारी पिता, लक्ष्मीदास उसकी नौकरी एक कोयले के खदान में लगा देते हैं और उसकी शादी कमला से तय भी कर देते हैं।

इसके कुछ दिनों बाद ही केशव अपना वादा तोड़ देता है, जिससे लक्ष्मीदास उन दोनों की शादी रद्द कर देता है। उसकी माँ शहर छोड़ कर जाने की धमकी देती है तो कमला उससे बात करना ही छोड़ देती है। लक्ष्मीदास की सेहत खराब हो जाती है और वो मरते वक्त कमला से वादा लेता है कि वो किसी और से शादी कर ले। अपने साथ कोयले की खदान में काम करने वाले सैकड़ों मजदूरों की जान खतरे में डालने के कारण उसे वे लोग काली सूची में डाल देते हैं।

कलाकार संपादित करें

संगीत संपादित करें

सभी गीत राजेन्द्र कृष्ण द्वारा लिखित; सारा संगीत मदन मोहन द्वारा रचित।

क्र॰शीर्षकगायकअवधि
1."मुझे ले चलो आज फिर"मोहम्मद रफ़ी6:18
2."दो दो हाथ दो दो पाँव"मोहम्मद रफ़ी3:08
3."तुम हो हसीन कहाँ के"मोहम्मद रफ़ी, आशा भोंसले3:16
4."जाओ जी जाओ"मोहम्मद रफ़ी, आशा भोंसले3:18
5."सावन के महीने में"मोहम्मद रफ़ी3:28
6."कभी ना कभी कहीं ना कहीं"मोहम्मद रफ़ी4:01
7."सावन के महीने में" (II)मोहम्मद रफ़ी4:32

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें