समय – 1923–2003

अमलतास, नावें, सीढ़ियां, परछाइयों के पीछे, क्योंकि, कर्क रेखा, परसों के बाद, ये छोटे महायुद्ध, उम्र एक गलियारे की, सागर पार का संसार, मीनारें, खामोश होते सवाल और हर दिन इतिहास (1995)। इसके बाद उन्होंने कोई उपन्यास नहीं लिखा क्योंकि उम्र भी हो चली थी।