शस्त्र उद्योग
शस्त्र उद्योग (arms industry) हथियार तथा सैन्य प्रौद्योगिकी के निर्माण और विक्रय का वैश्विक उद्योग है। इसमें सरकारी और निजी दोनों ही उद्योग शामिल हैं जो सैनिक सामान, औजार एवं सुविधाओं पर शोध करने, उनका विकास करने, उत्पादन करने और मरम्मत करने का कार्य करती है। शस्त्र उद्योग मुख्यतः विभिन्न देशों की सशस्त्र सेनाओं के लिए हथियार बनाती हैं। शस्त्र उत्पादों में शामिल हैं- बंदूक, गोला-बारूद, मिसाइल, सैनिक वायुयान, सैन्य गाडियां, जलयान, इलेक्ट्रोनिक सामान, एवं एनी बहुत से सामान.
यह जाना माना तथ्य है कि आजकल विश्व भर में कुल लगभग डेढ़ ट्रिलियन डालर सैनिक साज सामान पर खर्च किये जा रहे हैं जो विश्व के कुल उत्पाद का 2.7% है।
इतिहास
संपादित करेंद्वितीय विश्वयुद्ध के समय सैन्य उत्पादन भी देखें।
आधुनिक युग के आरम्भिक काल में फ्रांस, यूके, नीदरलैण्ड्स तथा जर्मनी के कुछ राज्य शस्त्र-निर्माण के क्षेत्र में आत्म-निर्भर हो गए। इसके बाद कुशल कर्मिकों का पुर्तगाल और रूस आदि देशों में गमन होने लगा।
आधुनिक शस्त्र उद्योग का जन्म १९वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में हुआ जब पहली विशाल सैन्य-औद्योगिक कम्पनियों का निर्माण और विस्तार हुआ। चूँकि छोटे देश (और नए-नए औद्योगीकृत हुए रूस और जापान भी) अब अपनी स्वदेशी क्षमता के आधार पर सर्वोत्कृष्ट श्रेणी के हथियार बनाने में सक्षम नहीं थे, वे देश युद्धपोत, आर्टिलरी, राइफलें आदि का ठेका इन कम्पनियों को देने लगे।
सन 1854 में ब्रितानी सरकार ने एल्सविक ऑर्डनेन्स कम्पनी को ब्रीच लोडिंग राइफलों के लिए एक ठेका दिया। इससे निजी क्षेत्र को शस्त्र उत्पादन में घुसने में मदद मिली। इस कम्पनी में जो अत्तिरिक्त (सर्प्लस) हथियार बनते थे वे विदेशों को निर्यात होने लगे। इस कम्पनी का मालिक आर्मस्ट्रांग विश्व के प्रथम शस्त्र डीलरों में से एक है। उसके शस्त्र-प्रणालियाँ पूरे विश्व की सरकारें खरीदने लगीं। १८८४ में उसने एल्सविक में युद्धपोत निर्माण में विशेषज्यता अर्जित करने के लिए एक शिपयार्ड खोल लिया। उस समय यह विश्व की एकमात्र कारखाना था जो युद्धपोत बनाकर उसे पूरी तरह से हथियारों से लैस कर सकता था। इस कारखाने ने विश्व की कई जलसेनाओं के लिए युद्धपोत बनाए। इसने शाही जापानी जलसेना के लिए भी युद्धपोत बनाए । सन १९०५ में जापान द्वारा रूस को हराने में आर्मस्ट्रॉंग के बहुत से क्रूजर्स ने महती भूमिका निभायी थी।
प्रशा ने १८६६ में और १८७०-७१ में रक्षा-उद्योग के इस औद्योगिक नवाचार को अपना लिया और क्रमशः आस्ट्रिया एवं फ्रांस को पराजित कर दिया। इस समय तक सेनाओं में मशीन गन का प्रवेश होने लगा था। यह कितना प्रभावी था, इसका पहला उदाहरण १८९९ के बोअर युद्ध में और फिर १९०५ के रूस-जापान युद्ध में देखने को मिला। फिर भी जर्मनी हथियारों में नवाचार के क्षेत्र में जर्मनी अग्रणी था और इसी नवचार के बल पर प्रथम विश्वयुद्ध में मित्रदेशों को पराजित करने के नजदीक पहुँच गया था।
सन १८८५ में फ्रांस ने हथियारों के निर्यात से प्रतिबन्ध हटाने का निर्णय किया। प्रथम विश्वयुद्ध तक फ्रांस हथियारों का उन्मुक्त निर्यात करता रहा। प्रथम विश्वयुद्ध में हुए नरसंहार के बाद शस्त्रों के व्यापारियों को "मृत्यु के व्यापारी" समझा जाने लगा। और उन पर आरोप लगने लगे कि उन्होने अपने शस्त्र-व्यापार को बढ़ाने के लिए इस युद्ध को उकसाया व इसे चलने में मदद की। ब्रिटेन में तो इस आरोप की जाँच भी हुई किन्तु उसे कोई साक्ष्य नहीं मिला।
२०वीं शताब्दी में शस्त्र-व्यापार बहुत अधिक बढ़ गया और इसका उपयोग राजनैतिक हथियार के रूप में भी होने लगा (विशेष रूप से शीत युद्ध के सम्य)। उस समय संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ अपन-अपने समर्थक देशों (proxies) को हथियार देने लगे (निक्सन नीति देखिए)।
विश्व के सबसे बड़े शस्त्र निर्यातक
संपादित करेंनीचे की सारणी स्टॉकहोम अन्तरराष्ट्रीय शान्ति अनुसन्धान संस्थान (SIPRI) द्वारा अनुमानित आंकड़ों के आधार पर बनी है। इसमें दी गयी संख्याएँ सीधे वित्तीय-प्रवाह को अभिव्यक्त नहीं करतीं क्योंकि सम्बन्धित हथियारों के मूल्य बहुत कम या शून्य भी (सनिक सहायता की स्थिति में) हो सकते हैं। [1]
2018 रैंक |
आपूर्तिकर्ता | शस्त्र निर्यात |
---|---|---|
1 | संयुक्त राज्य अमेरिका | 10,508 |
2 | रूस | 6,409 |
3 | फ्रांस | 1,768 |
4 | जर्मनी | 1,277 |
5 | स्पेन | 1,188 |
6 | कोरिया गणराज्य | 1,083 |
7 | चीन | 1,040 |
8 | ब्रिटेन | 741 |
9 | इस्राइल | 707 |
10 | इटली | 611 |
सन २०१० से २०१४ की तुलना में पिछले पाँच वर्षों में वैश्विक शस्त्र निर्यात में कुल ६% की वृद्धि हुई। यह वृद्धि २००५-२००९ की तुलना में २०% है।[2]
१९५० से १९१७ के बीच विश्व के सबसे बड़े शस्त्र निर्यातक
संपादित करेंSIPRI केवल ट्रेन्ड (Trend Indicator Values = TIVs) बताती है। नीचे की सारणी में दी गयी संख्याएँ सैनिक संसाधनों के हस्तानान्तरण को इंगित करते हैं, न कि उनके वित्तीय मान को।[3][4]
1950–2017 रैंक |
आपूर्तिकर्ता | शस्त्र निर्यात (in billion TIV) |
---|---|---|
1 | संयुक्त राज्य अमेरिका | 682,607 |
2 | ब्रिटेन | 141,385 |
3 | रूस | 140,057 |
4 | फ्रांस | 122,558 |
5 | जर्मनी | 86,740 |
6 | चीन | 54,395 |
7 | इटली | 32,855 |
8 | चेकोस्लोवाकिया | 29,329 |
9 | नीदरलैंड | 24,302 |
10 | इस्राइल | 17,457 |
विश्व के सबसे बड़े शस्त्र आयातक
संपादित करेंनीचे दी गयी सारणी में संख्याओं की ईकाई ट्रेन्ड इन्डिकेटर वैल्यू (TIV) मिलियन अमेरिकी डॉलर में है (सन २००९ के मूल्यों के आधार पर)। सम्भव है कि ये संख्याएँ वास्तिक वित्तीय प्रवाह को न दर्शाती हों क्योंकि सैनिक सहायता के मामले में शस्त्र का मूल्य शून्य भी हो सकता है। [5]
2010–2018 रैंक |
Recipient | शस्त्र आयात |
---|---|---|
1 | सउदी अरब | 3,172 |
2 | ऑस्ट्रेलिया | 1,572 |
3 | चीन | 1,566 |
4 | भारत | 1,539 |
5 | मिस्र | 1,484 |
6 | अल्जीरिया | 1,318 |
7 | कोरिया गणराज्य | 1,317 |
8 | संयुक्त अरब अमीरात | 1,101 |
9 | कतर | 816 |
10 | पाकिस्तान | 777 |
उल्लेखनीय है कि हथियारों का आयात बहुत अधिक चढता-उतरता रहता है और इस बात पर निर्भर करता है कि कौन से देश युद्ध करने जा रहे हैं या कौन से युद्ध समाप्त कर रहे हैं।
विश्व के प्रमुख शस्त्र निर्माता
संपादित करेंनीचे विश्व के सबसे बड़े शस्त्र निर्माताओं तथा अन्य सैनिक सेवा कम्पनियों की सूची दी गयी है जो युद्ध अर्थव्यवस्था से सर्वाधिक]] लाभ कमातीं हैं। इन कम्पनियों की उत्पत्ति भी दिखायी गयी है। यह सूची SIPRI द्वारा सन २०१९ क लिए दी गयी है।[6] SIPRI द्वारा प्रदत्त आंकडों में चीन में आधारित कम्पनियों को नहीं लिया गया है। संख्याएँ बिलियन अमेरिकी डॉलर में हैं।
रैंक | कम्पनी का नाम | रक्षा राजस्व (US$ billions) |
रक्षा से प्राप्त कुल राजस्व का % |
---|---|---|---|
1 | लॉकहेड मार्टिन | 47.2 | 88% |
2 | बोइंग | 29.1 | 29% |
3 | नॉर्थरॉप ग्रुमान | 26.1 | 87% |
4 | रेथिऑन | 23.4 | 87% |
5 | जनरल दाइनेमिक्स | 22.0 | 61% |
6 | BAE Systems | 21.2 | 95% |
7 | एयरबस | 11.6 | 15% |
8 | Leonardo | 9.8 | 68% |
9 | Almaz-Antey | 9.6 | 98% |
10 | थेल्स समूह | 9.4 | 50% |
शस्त्र नियंत्रण
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 22 अप्रैल 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 मई 2020.
- ↑ "The 5 major arms exporters in the world". International Insider (अंग्रेज़ी में). 2020-03-13. मूल से 20 अप्रैल 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2020-03-13.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 16 मार्च 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 मई 2020.
- ↑ Live, Nigeria News. "World's Top 5 Weapon Exporters -Nigeria News Live". www.newsliveng.com (अंग्रेज़ी में). मूल से 19 दिसंबर 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2019-10-04.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 16 मार्च 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 मई 2020.
- ↑ "संग्रहीत प्रति" (PDF). मूल से 10 दिसंबर 2019 को पुरालेखित (PDF). अभिगमन तिथि 8 मई 2020.
इन्हें भी देखें
संपादित करेंबाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- Defense Sector Investment Benchmark - SPADE Defense Index (AMEX: DXS)
- World Security Institute's Center for Defense Information
- Campaign Against Arms Trade (UK)
- SIPRI arms industry reports and database
- SIPRI list of Top 100 arms-producing companies
- The Guardian's arms trade report
- List of participators of the Defense System and Equipment international conference in London, 2003
- Viktor Bout arms trade case
- FAS's Arms Sales Monitoring Project
- UN Office for Disarmament Affairs
- ControlArms.org
- Defense Industrial Base Blog
- Amnesty International: Arms Trade Treaty
- The British Library - Defence Industry Guide (sources of information)
- Z. Yihdego, Arms Trade and International Law, Hart: OXford, 2007
- World Map and Chart of Arms exports per country by Lebanese-economy-forum, World Bank data