शांता शेलके
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शांता जनार्दन शेलके (मराठी: शांता शेळके) (१२ अक्टूबर १९२२ - ६ जून २००२) मराठी कवयित्री एवं लेखिका थीं। वह प्रसिद्ध पत्रकार और अकादमिक भी थीं। उनकी रचनाओं में गीत, कहानियां, अनुवाद और बच्चों का साहित्य आता है। उन्होंने कई साहित्यिक सभाओं की अध्यक्षता की। उनकी कुछ काव्य रचनाओं को गीतों के रूप में मराठी गायक लता मंगेशकर, आशा भोसले और किशोरी अमोनकर जैसे लोगों ने गाया है।[1] उनको वसंत अवसारे के नाम से भी जाना जाता है।
शांता शेलके | |
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जन्म |
12 अक्टूबर 2002 |
मौत |
6 जून 2002 (उम्र 79) |
जीवनी
संपादित करेंशांता शेलके का जन्म १२ अक्टूबर १९२२ को इंदापुर, पुणे में हुआ था। उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा महात्मा गांधी विद्यालय, राजगुरुनगर और हाई स्कूल की शिक्षा हुजूरपगा (HHCP हाई स्कूल), पुणे से पूरी की। उन्होंने अपनी स्नातक की पढ़ाई पुणे के एस पी कॉलेज से की। उन्होंने मराठी और संस्कृत में एम.ए पूरा किया और मुंबई विश्वविद्यालय में प्रथम स्थान पर रहीं। उन्होंने आचार्य आत्रे द्वारा चलाए जा रहे साप्ताहिक नवयुग के सहायक संपादक के रूप में काम करते हुए 5 साल बिताए। इसके बाद वह नागपुर के हिसलोप कॉलेज में मराठी के प्रोफेसर के रूप में काम करने के लिए नागपुर चली गईं। वह महर्षि दयानंद कॉलेज, परेल, मुंबई से लंबी सेवा के बाद सेवानिवृत्त हुई और पुणे में बस गईं।
मुंबई में अपने कामकाजी व्यवसाय के दौरान उन्होंने फिल्म सेंसर बोर्ड, थिएटर परीक्षा बोर्ड, सरकार पुस्तक पुरस्कार में भी सेवा की।
योगदान
संपादित करेंशांता शेलके ने कविताओं, कहानियों, उपन्यासों, चरित्र रेखाचित्रों, साक्षात्कारों, आलोचनाओं और परिचय के रूप में मराठी साहित्य में योगदान दिया।[2] उन्होंने अंग्रेजी सिनेमा का अनुवाद करने में भी मदद की और अखबार में कॉलम भी लिखे।
अखबार के कॉलम
संपादित करें- एक पानी
- मदरंगी
- जाणता अजाणता
उनके अखबार के कुछ कॉलम बाद में किताबों में बदल दिए गए।
ललित साहित्य
संपादित करें- आनंदाचे झाड
- पावसाच्या धारा
- संस्मरणे
- धूलपती
- आवड निवड
- वडीलधारी माणसे
उपन्यास
संपादित करें- ओढ
- पुनर्जन्म
- चिखलदर्यांचा मांत्रिक
- नरराक्षस
- भीषण छाया
- माझा खेळ मांडू दे
- विझती ज्योत
काव्य और गीत संग्रह
संपादित करें- वर्षा
- गोदन
- रूपसी
- जन्म्जान्हवी
- कळ्यांचे दिवस फ़ुलांच्या राती
- तोच चन्द्रमा
- पूर्वसंध्या
- इत्यर्थ
मराठी साहित्य में अपने योगदान के अलावा शांता शेलके मराठी गीतों के लिए गीत लिखने के लिए भी उतने ही प्रसिद्ध थीं। उन्होंने अपना पहला गीत 1950 में फिल्म राम राम पाव्हणं के लिए लिखा था।
- रेशमाच्या रेघांनी-एक मराठी लावणी (आशा भोसले द्वारा गाया गया)
- ज़े वेड मज़ला लागले
- पावनेर ग मायेला करू
पुरस्कार और मान्यताएँ
संपादित करें- उनके गीत "मागे उभा मंगेश, पुढे उभा मंगेश" के लिए सुर सिंगार पुरस्कार
- भारत सरकार पुरस्कार - गीत-लेखन "भुजंग" के लिए
- 1996 में गा डि मदगुलकर पुरस्कार
- मराठी साहित्य में उनके योगदान के लिए 2001 में यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठा पुरस्कार
शांता शेलके की 6 जून 2002 को कैंसर के कारण मृत्यु हो गई।
सन्दर्भ
संपादित करेंबाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- ↑ World, Republic. "Top Marathi songs of Lata Mangeshkar that you just cannot miss". Republic World. अभिगमन तिथि 16 मार्च 2020.
- ↑ "Ketaki Mategaonkar gives a new hit - Times of India". The Times of India (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 16 मार्च 2020.