शान्ति स्तूप उन स्तूपों को कहते हैं जो मानव जाति में मानसिक शान्ति उत्पन्न करने के ध्येय से निर्मित किए गए हैं। ये स्तूप सभी प्रजाति के मानवों के लिए ध्यान करने हेतु खुले होते हैं। ये विश्व शान्ति के लिए होते हैं।

शान्ति स्तूप, लद्दाख

द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद निर्मित अधिकांश शान्ति स्तूप निचिदात्सू फुजी (1885–1985) के मार्गदर्शन में बनाए गए थे। निचिदात्सू फुजी, सन १९३१ में महात्मा गांधी से मिले थे और अत्यधिक प्रभावित हुए थे और तभी से उन्होने अहिंसा को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य करने का निर्णय लिया था। सन १९४७ से उन्होंने शान्ति स्तूपों का निर्माण शुरू किया। पहला शान्ति स्तूप सन १९५४ में उद्घाटित हुआ।