शार्ली एब्डो
शार्ली एब्डो फ्रांस की व्यंग्य (सैटायरिकल) मैगजीन है।[3] शार्ली एब्डो फरवरी 2006 में इस्लामी पैगंबर मुहम्मद का कार्टून छापने को लेकर चर्चा में आया था, जिसे इस्लाम में ईशनिंदा माना जाता है।
Charlie Hebdo logo.svg | |
प्रकार | व्यंग्य मैगजीन |
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प्रारूप | Berliner |
स्वामित्व | Laurent "Riss" Sourisseau (70%), Éric Portheault (30%)[1] |
संपादक | Gérard Biard |
संस्थापना | 1970[2] |
राजनैतिक दृष्टिकोण |
Left-wing |
अंतिम प्रकाशन | 1981 |
मुख्यालय | Paris, France |
ISSN | 1240-0068 |
जालपृष्ठ | CharlieHebdo.fr |
फ्रांस की व्यंग्य पत्रिका शार्ली एब्डो ने इस्लामी पैगंबर मुहम्मद के उन कार्टूनों को फिर से प्रकाशित किया है जिनके कारण साल 2015 में वह ख़तरनाक चरमपंथी हमले का निशाना बनी थी। इन कार्टूनों को उस समय पुनर्प्रकाशित किया गया है जब एक दिन बाद ही 14 लोगों पर सात जनवरी, 2015 को शार्ली एब्डो के दफ़्तर पर हमला करने वालों की मदद करने के आरोप में मुक़दमा शुरू होने वाला है। इस हमले में पत्रिका के प्रसिद्ध कार्टूनिस्टों समेत 12 लोगों की मौत हो गई थी। कुछ दिन बाद पेरिस में इसी सी जुड़े एक अन्य हमले में पांच लोगों की जान चली गई थी। इन हमलों के बाद फ्रांस में चरमपंथी हमलों का सिलसिला शुरू हो गया था। पत्रिका के 2020 के संस्करण के कवर पेज पर पैग़ंबर मोहम्मद के वे 12 कार्टून छापे गए हैं, जिन्हें शार्ली एब्डो में प्रकाशित होने से पहले डेनमार्क के एक अख़बार ने छापा था।[4]
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Denis Robert : “L’histoire de ‘Charlie Hebdo’ est shakespearienne”, Télérama, 8 janvier 2016.
- ↑ McNab 2006, पृष्ठ 26: "Georges Bernier, the real name of 'Professor Choron', [… was] cofounder and director of the satirical magazine Hara Kiri, whose title was changed (to circumvent a ban, it seems!) to Charlie Hebdo in 1970."
- ↑ "फ्रांसीसी मैगजीन शार्ली हेब्डो ने फिर छापा पैगंबर मोहम्मद पर विवादित कार्टून, राष्ट्रपति की दो टूक".
- ↑ "फ्रांसीसी पत्रिका शार्ली एब्डो ने फिर छापे पैग़ंबर मोहम्मद पर विवादित कार्टून".