शिवनारायण द्विवेदी ‘रमेश’
इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर इस लेख में सुधार करें। स्रोतहीन सामग्री ज्ञानकोश के उपयुक्त नहीं है। इसे हटाया जा सकता है। (सितंबर 2011) स्रोत खोजें: "शिवनारायण द्विवेदी ‘रमेश’" – समाचार · अखबार पुरालेख · किताबें · विद्वान · जेस्टोर (JSTOR) |
शिवनारायण द्विवेदी ‘रमेश’ उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद नगर के निवासी थे। इनका समय सम्वत् 1932-1992 है। इनका ‘बिलेलेले’ उपनाम भी मिलता है। आपके ‘मनमौज’, ‘गंगा लहरी’, ‘श्री रामविवाह’, ‘रमेशानुभव’, ‘कान्यकुब्ज पचीसी’, ग्रंथ प्रकाशित हैं। इन्होंने अनेक हास्य कविताएँ भी लिखी हैं।[1]
‘बिलेलेले’ की रेल पेल का अवलोकन कीजिए-
आली फाग की उमंग अंग अंग राग रंग
हाँसी की तरंग पै तरंग उठै बेरि बेरि।
ऊधम मचावै इठलावै इतरावै गावै
इत उत धावै लावै एकै एक घेरि घेरि।
कूदि किलकारी देत गारी देत तारी
भरि पिचकारी देत गेर कींच में लथेरि।
तामैं अलबेली बिलेलेले जी अकेले
रेले पेले ठेले घुसे जात हहरी हरषि हेरि।