शिवप्रसाद चटर्जी
भारतीय भूगोलकार
शिव प्रसाद चटर्जी (बांग्ला में शिब प्रशाद चटर्जी) (२२ फ़रवरी १९०३ - २७ फ़रवरी १९८९), कलकत्ता विश्वविद्यालय में प्रोफ़ेसर रहे थे। ये १९६४ से १९६८ तक अन्तर्राशःट्रीय भूगोल संघ () अध्यक्ष भी रहे थे।[1] इन्होंने ही पूर्वोत्तर भारतीय राज्य मेघालय (संस्कृत मूल अर्थ: मेघों का घर) भी गढ़ा था। चटर्जी को १९५९ में रॉयल जोयोग्रैफिकल सोसाइटी से मुर्शीसन सम्मान तथा सन १९८५ में भारत सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया था।[2]
शिव प्रसाद चटर्जी | |
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जन्म |
22 फ़रवरी 1903 |
आवास | बंगाल, भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
जाति | बंगाली |
शिक्षा | कोलकाता विश्वविद्यालय |
पेशा | भूगोल व्याख्याता एवं प्रोफ़ेसर |
धर्म | हिन्दू |
पुरस्कार | पद्म भूषण(१९८५) |
पुस्तक सन्दर्भ
संपादित करें- चटर्जी, एस.पी. (१९८३). जूनियर कॉलेज ज्यॉग्रॅफ़ी [Junior College Geography] ((अंग्रेज़ी) में). एड्वेण्ट बुक डिवीज़न. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-86131-090-6.सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "History of International Geographical Union". मूल से 26 एप्रिल 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 दिसंबर 2011.
- ↑ "Padma Awards" (PDF). Ministry of Home Affairs, Government of India. 2015. मूल से 15 नवंबर 2014 को पुरालेखित (PDF). अभिगमन तिथि 24 फ़रवरी 2019.
स्रोत
संपादित करें- Mookerjee, S. (1998): Shiba P. Chatterjee, 1903–1989. Geographers: biobibliographical studies 18.
- "S P Chatterjee Memorial Series". INCA website. Indian National Cartographic Association. मूल से 20 अक्टूबर 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 सितम्बर 2011.