नाभिकीय रिएक्टर मे अधिक ऊष्मा उत्पन्न होती है जिसे हटाए जाने की प्रक्रिया शीतलक कहलाती है। इसके लिए वायू जल तथा co2 उपयोग मे लाया जाता है। इस ऊष्मा को भाप बनाने के काम मे लिया जाता है जिसे टरबाइन चलाकर बिजली उत्पन्न की जाती है।