शीतला माता मंदिर जागधौली
इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर इस लेख में सुधार करें। स्रोतहीन सामग्री ज्ञानकोश के लिए उपयुक्त नहीं है। इसे हटाया जा सकता है। (नवम्बर 2020) स्रोत खोजें: "शीतला माता मंदिर जागधौली" – समाचार · अखबार पुरालेख · किताबें · विद्वान · जेस्टोर (JSTOR) |
महामाया के विभिन्न स्वरूपों मे से एक है माँ शीतला देवी जिनके देशभर मे विभिन्न मंदिर है। जागधौली यमुनानगर जिले के सरस्वती नगर खंड का गांव हैं व दोसड़का से करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जागधौली स्थित माता शीतला मंदिर करीब 300 साल पुराना है और लगभग उसी समय से यहां वार्षिक मेला लगता आ रहा है। यमुनानगर के जागधौली गांव में मां शीतला माता मंदिर की स्थापना करीब 300 साल पहले हुई थी। गांव के ही गंगा राम ने उस समय शीतला माता की आराधना की थी। तब शीतला माता ने गंगाराम के सपने में आकर गांव में मंदिर की स्थापना करने को कहा था। इसी स्वप्न से प्रेरित होकर गंगा राम ने गांव में शीतला माता के मंदिर की स्थापना करने का बीड़ा उठाया और उन्होंने गांव के लोगों से अपने स्वप्न की चर्चा की और उन्हें माता के भवन की स्थापना करने के लिए प्रेरित किया। तब उस समय जागधौली गांव में शीतला माता मंदिर की स्थापना की गई थी। बताया जाता है कि उस समय गंगाराम ने अपनी दाढ़ी से जगह साफ की और मंदिर बनाने के लिए ईंटें रखी। इस तरह से गांव जागधौली में माता की स्थापना की गई थी।
शीतला माता | |
---|---|
चेचक | |
शीतला माता | |
संबंध | शक्ति अवतार |
अस्त्र |
कलश, सूप, झाड़ू, नीम के पत्ते |
सवारी | गर्दभ |
यह पृष्ठ किसी भी श्रेणी में नहीं डाला गया है। कृपया इसमें श्रेणियाँ जोड़कर सहायता करें ताकि यह सम्बन्धित पृष्ठों के साथ सूचीबद्ध हो सके। (नवम्बर 2020) |