शूरवीर सिंह सजवान
शूरवीर सिंह सजवान [1] [2] उत्तराखंड राज्य में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक भारतीय राजनेता हैं। उन्होंने 1985, 1993 और 2002 में तीन विधायी चुनाव जीते। वह गांव पंचूर से ताल्लुक रखते हैं जो देवप्रयाग विधान सभा के अंतर्गत आता है। 1985 में उन्होंने देवप्रयाग विधान सभा से अपना पहला चुनाव जीता और उसके बाद उन्होंने टिहरी विधान सभा क्षेत्र से अपना दूसरा कार्यकाल जीता। उत्तराखंड राज्य के उत्तर प्रदेश से अलग होने के बाद उन्होंने 2002 में ऋषिकेश विधान सभा से पहला चुनाव जीता। वह उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं। 2017 के राज्य चुनाव में उन्होंने देवप्रयाग निर्वाचन क्षेत्र से स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया, [3] लेकिन 2019 में कांग्रेस में लौट आए। [4]
शूरवीर सिंह सजवान | |
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चुनाव-क्षेत्र | देवप्रयाग |
चुनाव-क्षेत्र | टिहरी |
चुनाव-क्षेत्र | ऋषिकेश |
राजनीतिक दल | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
निवास | उत्तराखंड, भारत |
जालस्थल | shoorveersinghsajwan |
राजनीतिक पृष्ठभूमि में विकास की सोच रखने वाले सजवान का जन्म स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार में हुआ था। उनके चाचा और दादा स्वतंत्रता सेनानी थे। उनके ससुर अशोक चक्र विजेता थे । 12 साल की उम्र में रामलीलाओं में भगवान लक्ष्मण के चरित्र का मंचन कर वे पूरे इलाके में मशहूर हो गए थे. कई सालों तक जगह-जगह रामलीला का आयोजन कर रामायण के कई किरदार निभाए गए। इस बीच कम उम्र में ही पर्यावरण की रक्षा के लिए पेड़ लगाना, पेड़ बचाना, प्रौढ़ शिक्षा, यज्ञोपवीत, जुआ पर प्रतिबंध, मध्य निषेध और लोगों का भरपूर जन समर्थन मिला। शिक्षक रहते हुए वे टिहरी जिले के शिक्षक संघ के अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश शिक्षक संघ के महासचिव जैसे पदों पर रहकर राजनीतिक और सामाजिक गतिविधियों का हिस्सा बने।[उद्धरण चाहिए]
अविभाजित उत्तर प्रदेश में पहाड़ी शेर के नाम से अपनी अलग पहचान बनाकर उन्होंने पहाड़ के लोगों का नाम रोशन किया। तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री वीर बहादुर सिंह जी के करीबी होने के कारण लगभग 10000 शिक्षित युवाओं को विभिन्न विभागों में रोजगार मिला। शिक्षा के प्रति उनकी सचेत सोच का ही परिणाम था कि टिहरी जिले में 72 (बहत्तर) हाई स्कूल एवं इंटर कॉलेज की स्थापना एवं उन्नयन किया गया. इस दौरान टिहरी जिले में 8 (आठ) आई0टी0आई0 का सृजन किया गया। उन्होंने अनंत सड़कों के निर्माण कार्यों की स्वीकृति एवं निर्माण कराकर विकास की अपनी सोच का परिचय दिया।[उद्धरण चाहिए]
प्रारंभिक जीवन
संपादित करेंसजवान का जन्म 19 दिसंबर 1950 को स्वर्गीय मोर सिंह सजवान और श्रीमती दयावंती देवी के परिवार में गाँव- पंचूर, टिहरी-गढ़वाल, भारत में उत्तराखंड राज्य में हुआ था। उन्होंने राजनीति विज्ञान में कला में मास्टर डिग्री (एमए) प्राप्त की और टिहरी गढ़वाल से बीटीसी भी किया। शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने एक सरकार के रूप में काम किया। स्कूल में शिक्षक और जनरल बन गए। शिक्षक संघ के सचिव। उनकी पत्नी श्रीमती। अंबिका सजवान पूर्व थीं। टिहरी जिला पंचायत अध्यक्ष । वह विभिन्न आंदोलन में बहुत सक्रिय रूप से शामिल थे जनता दल सरकार के दौरान।[उद्धरण चाहिए]
2002 में उत्तराखंड राज्य के पहले चुनाव में ऋषिकेश विधानसभा से विधायक बनने के बाद, सिंचाई, लघु सिंचाई, बाढ़ नियंत्रण और टिहरी बांध के विस्तार के पुनर्वास जैसे महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री बनने के बाद, 2500 छोटी और बड़ी सड़कों का निर्माण किया गया। पूरे राज्य में सिंचाई और लघु सिंचाई के लिए नालों का जाल बिछाया गया। पूरे राज्य में सैकड़ों सिंचाई नलकूप लगाए गए। उन्हें ऋषिकेश विधानसभा में विकास पुरुष के नाम से भी जाना जाता है। अपने क्षेत्र ऋषिकेश में प्रदेश की अब तक की सबसे बड़ी संस्था की स्थापना के लिए 106 एकड़ जमीन स्वीकृत कराकर निर्माण करवाया। इसके साथ ही खदरी में राजकीय पॉलिटेक्निक और छिदारवाला में एक अस्पताल की स्थापना की गई। श्यामपुर क्षेत्र में 9 (नौ) पुल स्वीकृत एवं निर्मित किये गये थे। 2022 में कांग्रेस पार्टी का उम्मीदवार बनने के बाद सत्ता में आते ही ऋषिकेश जिला बनाना, सभी नदी नालों के किनारे फिर से बाढ़ सुरक्षा के लिए तटबंध बनाकर मरीन ड्राइव की तर्ज पर पर्यटन विकास के माध्यम से बेरोजगार युवाओं को रोजगार प्रदान करना। जंगली जानवरों से छुटकारा पाने के लिए फिर से तार लगवाएं। ग्रामीण क्षेत्र में महाविद्यालय की स्थापना करना। पूर्ण विषयों के साथ आई टी आई की स्थापना। श्यामपुर क्षेत्र में शासकीय चिकित्सालय की स्थापना एवं छिदारवाला के शासकीय चिकित्सालय का उन्नयन। स्वास्थ्य उपकेन्द्रों के जीर्णोद्धार एवं सभी केन्द्रों पर जनरेटर एवं वैक्सीन के रख-रखाव हेतु रेफ्रिजरेटर की मांग को पूरा करना।[उद्धरण चाहिए]
ऋषिकेश शहर में पार्किंग, सौंदर्यीकरण, कूड़ा निस्तारण, धार्मिक एवं आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा। मुख्य उद्देश्य क्षेत्र में कन्या महाविद्यालय खोलना होगा। इसके अलावा महिला विकास, कुटीर एवं लघु उद्योगों की स्थापना एवं 50 प्रतिशत अनुदान प्रदान करने के लिए उनकी आवश्यकता के अनुसार। आईडीपीएल की सैकड़ों एकड़ भूमि का उपयोग करने के लिए विभिन्न उद्योगों की स्थापना कर बेरोजगारों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना प्राथमिकता होगी।[उद्धरण चाहिए]
संदर्भ
संपादित करेंबाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- ↑ "Born to serve the public Sajwan - जनता की सेवा के लिए ही जन्म हुआ : सजवाण". www.livehindustan.com. मूल से 2021-07-29 को पुरालेखित.
- ↑ "पूर्व कैबिनेट मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण समर्थकों समेत कांग्रेस में लौटे". 23 July 2018.
- ↑ "Uttarakhand Congress divided over return of leaders who had left party". हिन्दुस्तान टाईम्स. 22 July 2018.
- ↑ "In Uttarakhand politics, nothing is permanent, including party loyalties | Dehradun News". द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया.