शेम (Shame) अंग्रेजी साहित्यकार सलमान रश्दी द्वारा मिडनाइट्स चिल्ड्रेन के बाद लिखा गया तीसरा उपन्यास है। १९८३ में प्रकाशित यह उपन्यास उनकी अधिकांश रचनाओं की तरह ही जादुई यथार्थवाद की शैली में लिखा गया है। का प्रयोग किया गया है। इस में ज़ुल्फ़िकार अली भुट्टो (इस्कंदर हड़प्पा) और जनरल मुहम्मद ज़िया-उल-हक़ (जनरल रज़ा हैदर) के जीवन और उनके संबंधों का चित्रण किया गया है। उपन्यास की केंद्रीय विषयवस्तु बताती है कि शरम से ही हिंसा पैदा हुई है। सभी चरित्रों के जरिए शर्म और बेशर्मी की सोच की पड़ताल मिलती है किंतु दृष्टि के केंद्र में सूफिया ज़िनोबिया और ऊमर खैय्याम हैं। इसका हिंदी अनुवाद ललित कार्तिकेय ने शरम नाम से किया है।

शेम (हिंदी में शरम नाम से अनुदित)
प्रथम संस्करण
लेखकसलमान रश्दी
भाषाअंग्रेजी
शैलीजादुई यथार्थवाद
प्रकाशकजोनाथन केप
प्रकाशन तिथि08 सितंबर 1983
प्रकाशन स्थानसंयु्क्त राजशाही
मीडिया प्रकारमुद्रित (हार्ड कवर, पेपरबैक)
पृष्ठ317 (1983 edition)
आई.एस.बी.एन978-0-224-02952-0
ओ.सी.एल.सी9646560
823 19
एल.सी. वर्गPR6068.U757 S5 1983

शकील परिवार

  • उमर खय्याम शकील - कहानी का मुख्य पात्र जिसे चुन्नी, मुन्नी और बंटी शकील द्वारा पाला गया है।
  • चुन्नी, मुन्नी और बंटी शकील - उमर खय्याम की माँएं जो कि एक ही समय पर गर्भवती होने का नाटक करती हैं।
  • बाबर शकील - चुन्नी, मुन्नी और बंटी शकील की दूसरी संतान।

उपन्यास का कथानक 'क्यू' स्थान के आसपास रचा गया है जो क्वेटा, पाकिस्तान का एक काल्पनिक संस्करण है। 'क्यू' में तीन बहनें (चुन्नीं, मुन्नी और बंटी शकील)एक ही साथ उमर खय्याम शकील को जन्म देने का नाटक करती है। वास्तव में तीनों को ही नहीं पता है कि उमर की असली माँ कौन है या कि उसका बाप कौन है। वे तीनों ही एक घरेलू जलसे के दौरान गर्भवती हो गई थीं। धीरे-धीरे उमर बड़ा होता है तो उसमें नटखटपन बढ़ता जाता है और वह सम्मोहन की कला भी सीख लेता है। उमर को उसके जन्मदिन के अवसर पर उसकी तीनों माओं की तरफ से 'क्यू' से बाहर जाने का मौका मिलता है जो उसके लिए एक तोहफे की तरह था। उसका नामांकन पास के एक स्कूल में करा दिया जाता है जहाँ पर वह अपने अध्यापक (एदुआर्दो रोदरिग्स) के संपर्क में आता है और डॉक्टर बनने के लिए प्रेरित होता है। आगे चलकर उमर का संपर्क इस्कंदर हड़प्पा और रज़ा हैदर से होता है जिनका उसके जीवन पर उल्लेखनीय प्रभाव पड़ा।

पुरस्कार

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  • फ्रेंच पुरस्कार Prix du Meilleur Livre Étranger प्राप्त (सर्वश्रेष्ठ विदेशी पुस्तक के लिए)[1]
  • 1983 बुकर पुरस्कार के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया
  • ईरानी इस्लामिक सरकार के एक मंंत्रालय द्वारा नियुक्त एक निर्णायक मंडल द्वारा फारसी अनुवाद के लिए पुरस्कार प्राप्त[2]
  1. "PORTRAIT SALMAN RUSHDIE - Actualité Celebre - EVENE". मूल से 20 जुलाई 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 अगस्त 2016.
  2. Daniel Pipes: The Rushdie Affair: The Novel, the Ayatollah, and the West (1990), p.49

बाहरी कड़ियाँ

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