शेर अफ़्ग़ान ख़ान
#शेर अफगान
शेर अफगान खान के बचपन का नाम अली कुली था। बाद में उसे फिर मुगल शासक द्वारा शेर अफगान का उपनाम मिला।शेर अफगान की पत्नी का नाम मेहर-उन-निशा था। शेर अफगान की मृत्यु हो जाती है तब मेहरून्निसा से जहांगीर 1611 मे शादी कर लेता है । जहांगीर मेहरून्निसा को प्यार से नूर-ए-महल का उपनाम दिया था। इस नाम से मेहरून्निसा प्रसन्न नहीं थी क्योंकि इस नाम का मतलब एक महल की सबसे खूबसूरत औरत होता है।फिर बाद में उसे नूर-ए-जहां का उपनाम मिला। इसकी की बेटी का नाम लाडली बेगम था। अली कुली बेग को शेर अफगान की उपाधि मुगल शासक जहाँगीर ने एक शेर को मारने के उपरांत प्रदान की थी जिसकी मृत्यु 1607 में हुई थी (((इससे पहले 1605 में जागीर पुत्र खुसरो ने विद्रोह किया जिसे पकड़ा कर अंदर करवा दिया था खुसरो की मदद करने वाले सिख गुरु पांचवें गुरु अर्जुन देव को फांसी पर चढ़ा दिया था। "अभिषेक सिंह गौतम 1289 (बिहार)के द्वारा संपादित है"