शेषामृत हिन्दी साहित्य को समर्पित पद्य प्रधान त्रैमासिक पत्रिका है, जो हाथरस, उत्तर प्रदेश से विमल साहित्य संवर्धक संस्था (पंजी.) द्वारा वर्ष 2010 से नियमित रूप में प्रकाशित हो रही है। इसके सम्पादक अवशेष कुमार ‘विमल’, प्रबन्ध सम्पादक डॉ॰ एम. पी. ‘विमल’ तथा विशिष्ट संरक्षक गाफिल स्वामी हैं। इस पत्रिका की विशेषता यह है कि इसमें सभी विधाओं की भाव, भाषा और शिल्प तीनों पक्षों पर खरी उत्कृष्ट रचनाएँ ही प्रकाशित की जाती हैं। रचनाकारों के मार्गदर्शन के लिए शोध आलेख समय- समय पर प्रकाशित होते रहते हैं। नये रचनाकारों को प्रकाशित होने का भी भरपूर मौका देती है। साहित्यिक समाचार, समीक्षा, प्रविष्टि आदि की सूचनाएँ भी हर अंक में प्रकाशित की जातीं हैं। हाल ही में ‘दोहा बानगी विशेषांक’ तथा ‘मुक्तक बानगी विशेषांक’ जैसे चर्चित अंक देकर इसने अल्प समय में ही हिन्दी साहित्य जगत को गौरवान्वित कर अपनी अलग पहचान बनाई है।[1]

  1. "शेषामृत". मूल से 6 अक्तूबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 अक्तूबर 2014.