शैक्षणिक एजेंट
शैक्षणिक एजेंट कि अवधारणा कंप्यूटर विज्ञान और कृत्रिम बुधिमत्ता कि सहायता से शिक्षा के क्षेत्र में उपयोग में लाई गई है। यह शिक्षण पद्धति का ही एक सामान्य भाग है। यह कंप्यूटर और मनुष्य के बीच ऐसा सम्बन्ध है, जो शिक्षक और शिक्षार्थी को शिक्षा का सही वातावरण उपलब्ध करता है। शैक्षणिक एजेंट शिक्षा के क्षेत्र में अलग अलग भूमिका निभाते हैं, जैसे ;-शिक्षक या सहपाठी की भूमिका। यह एजेंट के इच्छित उद्देश्य पर निर्भेर करता है।
इतिहास
संपादित करेंशैक्षणिक एजेंट[मृत कड़ियाँ] का इतिहास कंप्यूटर एनीमेशन के इतिहास से निकट सम्बन्ध रखता है।जैसे जैसे कंप्यूटर एनीमेशन का विकास हुआ शिक्षाविदों ने इस के महत्व को स्वीकारा कंप्यूटर की सहायता से सीखनेवाले और कंप्यूटर प्रोग्राम के बीच अधिक से अधिक सामंजस्य बैठाने की चेष्टा की जाने लगी। शैक्षणिक एजेंट पहले पहल ज्यादातर कार्टून से सम्बंधित हुआ करते थे। जैसे 1997 माइक्रोसॉफ्ट क्लिप्पी ने माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस को उपभोक्ताओं के लिए प्रोग्राम बनाने में मदद की। जो भी हो कंप्यूटर एनीमेशन के विकास के साथ शैक्षणिक एजेंट भी सजीव हो उठे हैं। २006 तक ऐसे विकसित और पुनः व्यवहार में लाई जाने वाली सामग्रियों की आवश्यकता थी जिससे समय की बचत हो और लाभ भी ज्यादा हो। शिक्षणसामग्रियों की उपलब्धता ,कीमत में कमी,एनीमेशन की लोकप्रियता वास्तव में अच्छा संकेत करते हैं। वर्तमान मे व्यक्तिगत शैक्षणिक एजेंट हर क्षेत्र में सम्मिलित हैं, चाहे वह चिकित्सा का क्षेत्र हो,गणित ,कानून, भाषा विज्ञान, का क्षेत्र हो चाहे क्यों न वह सेना का क्षेत्र हो। ये सभी - प्राम्भिक पाठशाला से लेकर वयस्कों तक के लिए प्रभावकारी हैं।
शैक्षणिक एजेंटों द्वारा शिक्षाप्राप्ति के सिद्धांत
संपादित करेंविभाजन के द्वारा ज्ञानप्राप्ति का सिद्धांत
संपादित करेंSee also en:Distributed_cognition (Distributed Cognition) इस सिद्धांत के अनुसार ज्ञानप्राप्ति की दिशा में सहयोग की भावना को महत्व दिया गया है। शैक्षणिक एजेंट की रचना ऐसे की जाती है जिससे हर शिक्षार्थी तक ज्ञान स्थानांतरित हो सके। यह एक सहायक सामग्री सिद्ध हो सके, इसे उपयोग में लाने वाला व्यक्ति अपनी त्रुटियों को दूर कर सके। प्रयोगकर्ता तथा शैक्षणिक एजेंट के बीच संवाद स्थापित होना चाहिए ताकि दोनों पक्षों के बीच एक सामाजिक सम्बन्ध भी कायम हो सके। शैक्षणिक एजेंट को एक कार्यरत साथी की भूमिका निभानी चाहिए।
सामाजिक- सांस्कृतिक शिक्षा का सिद्धांत
संपादित करेंen:Sociocultural_perspective ( Socio Cultural Prospective) यह सिद्धांत यह सिखाता है कि सिखने की प्रक्रिया में बालक का सामना जब दूसरे एजेंट से होता है तो उसका विकास कैसे होता है ? शिष्य के आग्रह करने पर शिक्षक मध्यस्थता कर सकता है, काम में सहायता कर सकता है और छात्र को योग्यताओं को पहचान कर ज्ञानप्राप्ति में उसका मार्गदर्शन कर सकता है। शिक्षार्थी कभी निराश हो सकता है, कभी उत्साहित,तो कभी उलझन में लेकिन हर स्थिति पर विजय प्राप्त करना उसे सीखना चाहिए।
प्रभाव
संपादित करेंअनुसंधानकर्ताओं के द्वारा यह सुझाव दिया गया है कि शैक्षणिक एजेंट शिक्षा के वातावरण में विभिन्न भूमिका निभा सकते है- छात्रों को संभालना ,उन्हें बढ़ाना, जांचना ,उनके सामने आदर्श प्रस्तुत करना आदि। शिक्षक , शैक्षिक सहायकों की मदद के बिना सही शिक्षा नहीं दे पाता है। सही शिक्षा सही शैक्षिक उपकरणों और उपयुक्त विषयों के मेल से ही प्रभावकारी होता है।(pedagogical agent) विषयवस्तु की मुख्य बातों की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए मल्टीमीडिया कीभी सहायता लेनी चाहिए। शोध के द्वारा यह सिद्ध हो चुका है कि मनुष्य का मनुष्य के साथ शिक्षा के आदान-प्रदान का सम्बन्ध तो है परन्तु मल्टीमीडिया सिस्टम के महत्त्व को नकारा नहीं जा सकता। इनका निर्माण इस तरह से किया गया कि इलेक्ट्रॉनिक वातावरण में सीखनेवालों को शिक्षा का अवसर मिले।
लिंक
संपादित करेंरेफरेन्सस
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