शोधार्थी के गुण- शोध एक दायित्वपूर्ण कार्य है अतः उसे करने के लिए किसी भी शोधार्थी में विभिन्न गुणों की अपेक्षा की जाती है। अच्छे शोधार्थी के अभाव में एक अच्छा शोध-प्रबंध निर्मित नहीं हो सकता है। शोधकर्ता में अपेक्षित गुणों की आवश्यकता पर बल देते हुए आचार्य विनयमोहन शर्मा अपने लेख 'शोध का अधिकारी कौन है?'[1] में उन गुणों का विस्तार से विश्लेषण करते हैं। जैसे-

  1. जिज्ञासा
  1. गृहीत विषय का ज्ञान
  2. क्षमता
  3. कार्य-संलग्नता
  4. कृतज्ञता
  5. लेखन-क्षमता
  6. वैज्ञानिक दृष्टिकोण और तटस्थता
  7. सकारात्मकता
  8. सहनशीलता
  9. सत्य आत्मक होना
  10. सैद्धांतिक होना
  11. योजनाआत्मक


संदर्भ

  1. सं. भ.ह.राजूरकर,राजमल, बोरा (1978). हिंदी अनुसंधान का स्वरूप. नयी दिल्ली: नेशनल पब्लिशिंग हाउस. पृ॰ 188-190.