आचार्य शौद्धोदनि काव्यशास्त्र के आचार्य थे। वे बौद्ध थे। काव्यलक्षण पर उनका प्रसिद्ध कथन है कि-

काव्यं रसादिमद्वाक्यं श्रुतं सुखविशेषकृत् (अलंकारशेखर)