श्याओ'अरजिंग
श्याओ'अरजिंग या श्याओजिंग (रोमन: Xiao'erjing; चीनी: 本经, अर्थ: 'बच्चों की लिखाई' या 'कमतर लिखाई') उस लिखावट को कहा जाता है जहाँ चीनी भाषा को अरबी लिपि के प्रयोग से लिखा जाए।[1] यह चीन के उन मुस्लिम समुदायों द्वारा इस्तेमाल होती है जो चीनी या उस से मिलती भाषाएँ अपनी मातृभाषा के रूप में प्रयोग करते हैं। इनमें पूर्वी और मध्य चीन के हुई लोग प्रमुख हैं, लेकिन पश्चिम चीन के शिनजियांग प्रान्त के दोंगशियांग लोग और चिंग हई और गांसू प्रान्तों के सालार लोग भी हैं।
उर्दू, फ़ारसी और अरबी की तरह श्याओ'अरजिंग भी दाएँ से बाएँ लिखी जाती है, लेकिन उन भाषाओँ में जो मात्राओं को न लिखने की प्रथा है (जिसमें पाठक से सन्दर्भ देखकर मात्रा समझ जाने की उपेक्षा की जाती है) वह श्याओ'अरजिंग में नहीं है। उइग़ुर भाषा की तरह श्याओ'अरजिंग में भी इन मात्राओं को लिखने का कड़ा नियम है। संभव है कि चीनी में स्वरों के भारी महत्व की वजह से यह रिवायत शुरू हुई हो।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Remapping the past: fictions of history in Deng's China, 1979 -1997, Howard Yuen Fung Choy, BRILL, 2008, ISBN 978-90-04-16704-9