श्याम नाथ मंदिर, उत्तर प्रदेश के सीतापुर शहर के मध्य स्थित बाबा श्याम नाथ मंदिर दो सौ वर्षो से भी अधिक समय से लोगों की आस्था का केंद्र बना है। यहां श्रावण मास भर आस्था का सैलाब उमड़ता है। जिले के विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले श्रद्धालुगण भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं।[1]

श्यामनाथ मंदिर
धर्म संबंधी जानकारी
सम्बद्धताहिन्दू
त्यौहारशिवरात्रि
अवस्थिति जानकारी
ज़िलासीतापुर
राज्यउत्तर प्रदेश
देशभारत

मंदिर का इतिहास

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मंदिर के महात्म्य के बारे में कहा जाता है कि सन् 1800 में जंगल की कटाई के समय एक पेड़ के नीचे श्यामनाथ गोस्वामी को एक बड़ा सा पत्थर मिला था। उसे उन्होंने साधारण पत्थर समझ तोड़ने का प्रयास किया लेकिन जैसे ही इस पर वार किया गय तो खून की धार बहने लगी। श्यामनाथ ने सोचा यह कोई साधारण पत्थर नहीं है। उसे उन्होंने एक छोटा सा चबूतरा बनवाकर वहीं पर स्थापित कर दिया और रोज पूजा अर्चना करने लगे। धीरे-धीरे इसकी चर्चा सभी जगह फैल गई और लोगों की आस्था का केंद्र बन गया। सन् 1870 में परमेश्वर गोस्वामी ने इसे एक छोटी सी मठिया का आकार दिया।[2]

श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए मंदिर परिसर को अच्छे से तैयार कर किया जाता है। मंदिर को पुजारियों द्वारा सजाया सवांरा जाता है। श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की दिक्कत न हो इसके लिए मंदिर परिसर में लाइटिंग व्यवस्था व साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है।[3][4]

  1. "सीतापुर शहर में दिखी शिवरात्रि की धूम, लोगों ने की भोले को खुश करने की कोशिश – Haqeeqat Today" (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2021-06-03.
  2. "श्यामनाथ मंदिर में अव्यवस्थाओं का है बोलबाला". Amar Ujala. अभिगमन तिथि 2021-06-03.
  3. "हिंदी खबर, Latest News in Hindi, हिंदी समाचार, ताजा खबर". Patrika News (hindi में). अभिगमन तिथि 2021-06-03.सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
  4. "श्यामनाथ कुंड की साफ सफाई शुरू". Amar Ujala. अभिगमन तिथि 2021-06-03.