श्येन (हिन्दू धर्म)
श्येन एक दिव्य बाज पक्षी है, जो पृथ्वी पर मौजूद सभी वस्तुओं के कायाकल्प और पुनरोद्धार के इरादे से सोम (अमृत) को पृथ्वी पर लाने के लिए स्वर्ग जाता है। वैदिक अनुष्ठान में ईंटों से बाज के आकार में बनायी गयी वेदी को भी श्येन कहते हैं। यजुर्वेद में इस अग्नि-वेदी के निर्माण के दौरान पढ़ी जाने वाली प्रार्थनाओं और मंत्रों का उल्लेख है जो सर्जक और सृजित का प्रतिनिधित्व करता है। पुराणों में, श्येन भगवान विष्णु का वाहन गरुड़ बन जाता है, जिसका उल्लेख महाभारत के आदि पर्व में भी मिलता है, और जो नागों की माँ और ऋषि कश्यप की सह-पत्नी कद्रू के कहने पर अमृता को स्वर्ग से लाया था।[1] [2]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Robert Cox (November 1997). The Pillar of Celestial Fire. 1st World Publishing. पृ॰ 143. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9781887472302.
- ↑ Roshan Dalal (18 April 2014). Hinduism. Penguin. पृ॰ 132. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788184752779.
इन्हें भी देखें
संपादित करेंबाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- The Gentle Murder Paradox in Sanskrit Philosophy Archived 2022-08-14 at the वेबैक मशीन