श्रीलक्ष्मी स्वर्ण मंदिर
31 वर्षीय 'गॉडमैन' ने *तमिलनाडु* के वेल्लोर के पास श्रीपुरम में 300 करोड़ रुपये का 'स्वर्ण मंदिर' बनाया है।
100 एकड़ भूमि पर प्राकृतिक परिदृश्य में स्थित इस मंदिर को 1.5 टन शुद्ध सोने से बनाया गया है। मंदिर को बनाने में सैकड़ों शिल्पकारों और कारीगरों को छह साल लगे।
मंदिर की परिकल्पना और डिजाइन श्री नारायणी अम्मा द्वारा की गई थी, जिन्हें उनके भक्तों ने 'शक्ति अम्मा' कहा था।
1992 में वेल्लोर के पास स्थापित श्री नारायणी पीडम के प्रमुख ने कहा कि उन्होंने मंदिर का निर्माण करना है। दुनिया भर में फैले उनके भक्तों और अमेरिका, कनाडा और यूनाइटेड किंगडम में पंजीकृत उनकी नींव के साथ, 2001 में शुरू की गई परियोजना के लिए धन एकत्रित किया गया।
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के लिए काम करने वालों लोगों सहित 800 से अधिक शिल्पकारों ने भगवान के मंदिर के सपने को साकार करने के लिए छह साल तक दिन-रात काम किया।
नारायणी पीडम ने भारतीय रिजर्व बैंक से मंजूरी मिलने के बाद चेन्नई में मिनरल्स एंड मेटल ट्रेडिंग कॉरपोरेशन के माध्यम से लगभग 1.5 टन सोना खरीदा गया। इस मंदिर में प्रकाश व्यवस्था इस तरह से की गई है कि मंदिर रात के समय ओर भी चमकता रहे। अदभुत नक्काशी और मूर्तियों के साथ, चलने की जगह को छोड़कर पूरी जगह को सोने से जड़वाया गया है।
इसके पास एक राजगोपुरम है, जो तिरुपति मंदिर से मिलता जुलता मंदिर है, जिसके चारों ओर 36 स्तंभ हैं। यहां तक कि केंद्रीय झूमर भी सोने से बना है।
इसके अलावा नारायणी पीडम द्वारा एक स्कूल, अस्पताल और कॉलेज भी बनाये गए यह वेल्लोर औऱ उसके आसपास जनसेवा भी करते हैं।