श्री काशी करवट मंदिर
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Pancha rathaneswar temple is located on the "MANIKARNIKA GHAT" of @kashi which is re-built by Rathna bai ( dasi of Rani Ahalya Bai)
मंदिर का इतिहास
संपादित करेंइस मंदिर के निर्माण के बारे में कोई सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं है। कुछ लोगों का मानना है कि यह मंदिर 15वीं शताब्दी में बनाया गया था, जबकि अन्य का मानना है कि यह मंदिर 18वीं शताब्दी में बनाया गया था। मंदिर के निर्माण के पीछे कई कहानियां प्रचलित हैं। एक कहानी के अनुसार, यह मंदिर अमेठी के राजा ने अपनी दासी रत्ना बाई के लिए बनवाया था। रत्ना बाई एक बहुत ही धर्मनिष्ठ महिला थी और वह भगवान शिव की बहुत भक्त थी। राजा ने रत्ना बाई के लिए इस मंदिर का निर्माण किया और इस मंदिर का नाम रत्नेश्वर महादेव रखा। हालांकि, रत्ना बाई ने अपने नाम पर मंदिर का नाम रखना पसंद नहीं किया और उन्होंने इस मंदिर का नाम भीमा शंकर महादेव रख दिया।
एक अन्य कहानी के अनुसार, यह मंदिर एक राजा ने अपने बेटे के लिए बनवाया था। राजा का बेटा एक बहुत ही सत्यवादी और धर्मनिष्ठ व्यक्ति था। एक बार, राजा के बेटे ने भगवान कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए एक आरे से खुद को चीर दिया। भगवान कृष्ण प्रसन्न हुए और उन्होंने राजा के बेटे को मोक्ष प्रदान किया। राजा ने अपने बेटे की याद में इस मंदिर का निर्माण किया।
मंदिर का वास्तुकला
संपादित करेंयह मंदिर एक दो मंजिला मंदिर है। मंदिर की पहली मंजिल में भीमा शंकर महादेव का शिवलिंग स्थापित है। शिवलिंग जमीन से लगभग 25 फीट नीचे है। मंदिर की दूसरी मंजिल में भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्तियां स्थापित हैं। मंदिर का निर्माण लाल और सफेद पत्थरों से किया गया है। मंदिर की छत पर कई कलात्मक मूर्तियां भी बनी हुई हैं।
मंदिर का महत्व
संपादित करेंइस मंदिर को काशी के सबसे प्राचीन और पवित्र मंदिरों में से एक माना जाता है। यह मंदिर भीमा शंकर महादेव को समर्पित है, जिन्हें भगवान शिव का एक रूप माना जाता है। कहा जाता है कि भीमा शंकर महादेव भोग और मोक्ष दोनों के दाता हैं। इस मंदिर के दर्शन करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है।
मंदिर की विशेषता
संपादित करेंयह मंदिर अपनी अनोखी विशेषता के लिए जाना जाता है। यह मंदिर एक तरफ से 23 डिग्री झुका हुआ है। इस मंदिर के झुकने के पीछे कई कहानियां प्रचलित हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यह मंदिर प्राकृतिक आपदाओं के कारण झुक गया है, जबकि अन्य का मानना है कि यह मंदिर किसी श्राप के कारण झुक गया है।
मंदिर के दर्शन
संपादित करेंइस मंदिर के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं को सुबह 5:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक के समय में ही मंदिर में प्रवेश मिलता है। मंदिर में प्रवेश करने के लिए श्रद्धालुओं को एक शुल्क देना पड़ता है।
मंदिर का पता
संपादित करेंश्री काशी करवट मंदिर
नेपाली खपड़ा
वाराणसी, उत्तर प्रदेश 221005