श्री बडाबाजार कुमारसभा पुस्ताकलय भारत के संस्कृतिक क्षेत्र का एक सुपरिचित नाम है। यह कोलकाता में है। यह मात्र पुस्तकालय या वचनालय ही नहीं है अपितु इसके द्वारा विभिन्न अवसरो पर गोष्ठियों एवं साहित्यिक-सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। यहाँ से विविध विषयों पर एक दर्जन से अधिक प्रकाशन किये गये हैं। अखिल भारतीय स्तर के दो सम्मानों - विवेकानन्द सेवा सम्मान एवं डॉ॰ हेडगेवर प्रज्ञा सम्मान प्रदान किये जाते हैं। इस संस्था की महिला समिति द्वारा 'प्रावर्तित गीता प्रतियोगिता' ने इसको विशिष्टता प्रदान की है।

इसकी स्थापना 1918 ईस्वी में हुई थी, संस्थापक थे राधाकृष्ण नेवटिया। वे प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी थे। 1920 से 1935 तक वे पुस्तकालय के मंत्री रहे तथा 1936 से 1943 तक सभापति। 1920 में उनके मंत्रित्व में पुस्तकालय स्वतंत्रता आंदोलन की गतिविधियों का केंद्र बनकर ‘चरखेवाली सभा’ के नाम से विख्यात हो गया ।

उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान ने सन २०१७ का राजर्षि पुरुषोत्तम दास टण्डन सम्मान बड़ाबाजार कुमारसभा पुस्तकालय को प्रदान किया। [1]

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