श्री राधा संकेत विहारी मंदिर
श्री राधा संकेत बिहारी जी मंदिर व मंदिर ट्रस्ट बरसाना पंचायत के अंदर स्थित एक गांव संकेत में है। यहां गांव बरसाना व नंदगांव मार्ग पर एकदम मध्य में स्थित है। यह गांव प्राचीन विरासतों से समृद्ध है। ब्रज के प्रमुख चार वट स्थान (जहां कृष्ण ने लीला की) में से एक संकेतवट गांव में स्थित है। आज से लगभग 5500 साल पहले (द्वापरयुग का अंतिम समय) मथुरा के राजा भगवान श्री कृष्ण के पौत्र वज्रनाभ थे। जिन्होंने श्री कृष्ण के प्रमुख पांच लीला स्थली पर झूले का निर्माण कराया था। उन पांच में से एक प्रमुख झूला संकेत गांव में स्थित है। साथ ही राजा ने यहां एक रास मंडल व श्री संकेत देवी माता के मंदिर का निर्माण कराया था। 15वीं शताब्दी में वैष्णव धर्म के भक्ति योग के परम प्रचारक एवं भक्तिकाल के प्रमुख,वैष्णवों के गौड़ीय संप्रदाय की आधारशिला रखने वाले श्री चैतन्य महाप्रभु ने इस स्थान को पुनः प्रकट किया। श्री चैतन्य महाप्रभु के छः परिकर (छः गोस्वामी) जिन्होंने सम्पूर्ण बृज लीला एवं स्थान को प्रगट किया मैं से एक श्री गोपाल भट्ट गोस्वामी जी ने संकेतवट के नीचे दिर्घा काल तक भजन किया तथा प्रथम-मिलन, प्रेम-रूप, रस-राज श्री राधा संकेत बिहारी जी को प्रकट किया, जो आज भी श्रृंगार रूप दर्शन के लिए मंदिर में विराजमान हैं। मंदिर का पूजन गौडीया सम्प्रदाय के अनुसार होता है। मंदिर की देखभाल गौडिया भक्ति वेदांत सरस्वती तथा उनके शिष्य अनंत-वासुदेव-परमहंस-वैराग्यभूषण परम पूज्य श्री रामकृष्ण (पंडित बाबा) के कृपा पात्र श्री श्री 1008 कृपा सिंधु दास महाराज जी के सानिध्य में श्री श्याम दास महाराज जी द्वारा की जाती है। गांव में प्रचीन श्री राधा संकेत विहारी जी मंदिर, श्री संकेत माता(योगमाया माता) मंदिर, गोपाल भट्ट गोस्वामी जी की भजन कुटिया, पांच में से एक प्रमुख झूला, रासमंडल, श्री कृष्ण कुंड श्री विहव्ल कुंड आदि मौजूद है। जिसके दर्शन के लिए लोग दूर-दूर से मंदिर में पहुंचते हैं।