श्री रामेश्वर गहिरा गुरु संस्कृत महाविद्यालय
श्री रामेश्वर गहिरा गुरु संस्कृत महाविद्यालय, छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के सामरबार में स्थित एक संस्कृत महाविद्यालय है। इसकी स्थापना ०१ जुलाई १९५६ को रामेश्वर गहिरा द्वारा की गयी थी। यह महाविद्यालय 'सनातन सन्त समाज गहिरा' द्वारा संचालित है। यह महाविद्यालय बगीचा तहसील म्ं बगीचा से बतौली-अम्बिकापुर मार्ग पर बिमड़ा से 4 कि॰मी॰ उत्तर में ग्राम सामरबार में स्थित है। यह महाविद्यालय सन 1985 तक सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी से सम्बद्ध रहा, इसके पश्चात् सन् 1985 से 2000 तक अविभाजित मध्य प्रदेश के अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा से सम्बद्ध रहा। वर्तमान में यह महाविद्यालय को पं॰ रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर से स्थाई सम्बद्धता/ मान्यता प्राप्त है।
महाविद्यालय को 1998 से नियमित अनुदान प्राप्त हो रहा है। छतीसगढ़ का यह एकमात्र प्राच्य संस्कृत महाविद्यालय है जहाँ गुरुकुल परम्परा के अनुसार लगभग 90 प्रतिशत आदिवासी/विशेष पिछड़ी जनजाति (पहाड़ी कोरवा)/पिछड़े वर्ग के छात्र/छात्राएं निःशुल्क शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- श्री रामेश्वर गहिरा गुरु संस्कृत महाविद्यालय का जालघर
- For 51 yrs, this college doles out Sanskrit gyan free of cost (टाइम्स ऑफ इण्डिया)
- Sanskrit Gyan- A college’s endeavor to preserve Indian culture
यह लेख एक आधार है। जानकारी जोड़कर इसे बढ़ाने में विकिपीडिया की मदद करें। |