श्री शैलम देवस्थानम
श्रीशैलम (श्री भ्रामराम्बिका मल्लिकार्जुन मंदिर नाम से भी जाना जाता है) नामक ज्योतिर्लिंग आंध्र प्रदेश के पश्चिमी भाग में कुर्नूल जिले के नल्लामल्ला जंगलों के मध्य श्री सैलम पहाडी पर स्थित है।[1] यहाँ शिव की आराधना मल्लिकार्जुन नाम से की जाती है। मंदिर का गर्भगृह बहुत छोटा है और एक समय में अधिक लोग नही जा सकते। इस कारण यहाँ दर्शन के लिए लंबी प्रतीक्षा करनी होती है। स्कंद पुराण में श्री शैल काण्ड नाम का अध्याय है। इसमें उपरोक्त मंदिर का वर्णन है। इससे इस मंदिर की प्राचीनता का पता चलता है। तमिल संतों ने भी प्राचीन काल से ही इसकी स्तुति गायी है। कहा जाता है कि आदि शंकराचार्य ने जब इस मंदिर की यात्रा की, तब उन्होंने शिवनंद लहरी की रचना की थी। श्री शैलम का सन्दर्भ प्राचीन हिन्दू पुराणों और ग्रंथ महाभारत में भी आता है।
श्री भ्रामराम्बिका मल्लिकार्जुन मंदिर | |
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धर्म संबंधी जानकारी | |
सम्बद्धता | हिन्दू धर्म |
देवता | शिव/ मल्लिकार्जुन |
अवस्थिति जानकारी | |
अवस्थिति | श्रीशैलम, आंध्र प्रदेश, भारत |
ज़िला | Nandyala |
राज्य | Andhra Pradesh |
देश | भारत |
Location in Andhra Pradesh | |
भौगोलिक निर्देशांक | 16°04′27″N 78°52′05″E / 16.07417°N 78.86806°Eनिर्देशांक: 16°04′27″N 78°52′05″E / 16.07417°N 78.86806°E |
वास्तु विवरण | |
शैली | हिन्दू |
निर्माता | स्वयंभू |
स्थापित | अति प्राचीन |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Sri Bhramaramba Mallikarjuna Swamyvarla Devasthanam". Andhra Pradesh Endowments Department, Government of Andhra Pradesh.
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करें[www.srisailamtemple.com आधिकारिक जालस्थल] मंदिर के चित्र