स्वांगियां राजस्थान के जैसलमेर में (यदुवंशी) भाटी राजवंश ने चारणकुल में जन्मी देवी को शक्ति का प्रतीक मानते हुए वहां के लोगो ने कुलदेवी अथवा इष्टदेवी के रूप में स्वीकार किया। स्वांगियां जिसे आवड़ माता के नाम से भी जाना जाता है, भाटी राजवंश की गौरवगाथाओं के साथ अनेक चमत्कारी घटनाएँ इनके साथ जुड़ी है।[1][2]

श्री स्वांगिया माता

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "स्वांगिया माता / आवड़ माता / तन्नोट माता का इतिहास । मिशन कुलदेवी". Mission Kuldevi - Indian Castes and their Gods. 9 अगस्त 2016.
  2. माँ स्वांगिया एवं उनकी उपासिका. Amazon.in. Rajasthan granthagar. 9 अगस्त 2016. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9387297969.

इन्हें भी देखें संपादित करें