श्रेणी:पर्यावरण प्रेमी
बिश्नोई समाज के लोग पर्यावरण प्रेमी कहलाते हैं बिश्नोई समाज के सभी लोग पर्यावरण संरक्षक वालिंटियर्स हैं यह पेड़- पोधों वन एवं वन्यजीवों कि सुरक्षा करने के लिए अपनी जान तक दे सकते है ऐसे कई उदाहरण भी है जैसे खेजड़ली में हरे पेड़ो को बचाने के लिए 363 बिश्नोई समाज के लोगों ने जान (शहीद)दी थी इसके अलावा आज भी वन एवं वन्यजीवों की जान बचाने के किस्से न्यूज़ में सुनने में आते रहते है सलमान खान पर भी इसी समाज ने काले हिरण शिकार मामले का आपराधिक केस दर्ज जोधपुर राजस्थान में करवाया हैं
वन्यजीवों की रक्षा और पेड़ पौधों के संरक्षण के लिए देश और दुनिया में विख्यात बिश्नोई समाज में हर रोज वन्य जीवों को बचाने का प्रयास करता है। बिश्नोई समाज का कहना हैं कि अन्य समाजों को भी वन्यजीवों की रक्षा और पेड़-पौधों के संरक्षण की प्रेरणा लेकर काम करना चाहिए जो की काफी अन्य समाज के लोग भी वन्य जीवों को बचाने में विश्नोई समाज का सहयोग कर रहे है । बिश्नोई समाज के लोग बकायदा इन जीव जंतुओं से ना केवल अपार प्रेम करते हैं बल्कि इनकी रक्षा के लिए खुद की जान तक देने से नहीं चूकते। जहां विश्नोई समाज रहती है वहां पर हिरण, मोर, खरगोश वह अन्य वन्य जीव जंतु देखने को मिलते है। यह लोग थार रेगिस्थान में बहुतायत में रहते हैं (राज्य-राजस्थान=जोधपुर,बाड़मेर,जैसलमेर,पाली,जालोर,नागौर,गंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, बीकानेर ,भीलवाड़ा)एवं देश के अन्य राज्य जैसे-पंजाब , हरियाणा,मध्य-प्रदेश उत्तर-प्रदेश इत्यादि में भी रहते हैं
महावीर बिश्नोई (छोटू बाड़मेर) सतीश विश्नोई बारासन (गुड़ामालानी)
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