श्वेत जाति का भार:

इंग्लैण्ड ने साम्राज्यवादी प्रसार को श्वेत जाति के भार के सिद्धान्त पर न्यायोचित ठहराया था। इसका आशय था कि असभ्य संसार को सभ्य बनाना श्वेत जाति का दायित्व है। इस शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग कवि रुडयार्ड किफ्लिंग ने किया था।