संजय गांधी
संजय गांधी (14 दिसम्बर 1946 - 23 जून 1980) भारत के एक राजनेता थे। वे भारत की प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के छोटे पुत्र थे। मेनका गांधी उनकी पत्नी हैं और वरुण गांधी उनके पुत्र। भारत में आपातकाल के समय उनकी भूमिका बहुत विवादास्पद रही। अल्पायु में ही एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में उनकी मौत हो गयी।[1]इनका जन्म 14 दिसम्बर 1946 को हुआ था। इनकी माता देश की पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी जी थीं एवं इनके पिता फिरोज गांधी जी थे जो कि पारसी समुदाय से थे। जिन्होनें शादी के बाद अपना नाम परिवर्तित करके फिरोज गांधी कर लिया था।.इनके पिता पेशे से पारसी राजनेता एवं पत्रकार थे, वे लोकसभा के सांसद भी रहे।. संजय गांधी का मूल निवास स्थान मुम्बई था, क्योंकि यहीं पर उनके पिता फिरोज गांधी का जन्म हुआ था। संजय गांधी के बडे भाई का नाम राजीव गांधी था।. बताते चले कि इंदिरा गांधी जी ने,फिरोज गांधी से शादी अपने पिता एवं देश के पुर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु के खिलाफ जाकर करी थी।[2]
संजय फ़ीरोज़ गाँधी | |
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चुनाव-क्षेत्र | अमेठी, उत्तर प्रदेश |
जन्म | 14 दिसम्बर 1946 नई दिल्ली |
मृत्यु | 23 जून 1980 नई दिल्ली | (उम्र 33 वर्ष)
राजनीतिक दल | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
जीवन संगी | मेनका गांधी |
संबंध | इंदिरा गांधी (माता) फिरोज़ गांधी (पिता) |
बच्चे | वरुण गांधी |
निवास | उत्तर प्रदेश |
गांधी-नेहरू परिवार के सदस्य
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अपातकाल
संपादित करेंइतिहासकारों द्वारा बताया जाता है कि संजय गांधी भले ही देश के प्रधानमंत्री न बने सके,मगर सदैव ही पद की लालसा रखते थे। वहीं इंदिरा गांधी जी भी चाहती थी कि उनके कार्यकाल के बाद संजय ही देश के प्रधानमंत्री बने, इस बात की झलक उनकेे आपातकाल लगाये जाने के समयकाल में देखने को मिलती है। 25 जून 1975 में देश में आपातकाल की घोषणा करी गयी,आपातकाल के 1 वर्ष बाद यानि 1976 में संजय गांधी ने देश में बढ़ती आबादी पर रोक लगाने के लिए नसबंदी कानून को पास किया। सरकार द्वारा हवाला दिया गया कि गम्भीर अनुवांशिक बिमारीयों से पीड़ित लोगों की ही नसबंदी करी जायेगी ताकि अनुवांशिक बिमारी आने वाली पिढीयों में न फैल सकें।अतः इस कानून का पालन देश कि जनता से जबरन कराया जाने लगा।.परिणास्वरुप 16 साल के किशोर से लेकर 80 वर्ष के बुजुर्ग की जबरन नसबंदी की गयी।.इस तरह से मात्र एक वर्ष के समयकाल में ही लगभग 60 लाख लोगों की नसबंदी कर दी गयी।.आपातकाल पुरे 21 महीनो तक लगा। अतः नसबंदी कार्यक्रम आपातकाल के समाप्त होने के बाद ही बंद किया गया।.
मारुति 800
संपादित करें1970 में संजय गांधी ने दिल्ली के गुलाबी बाग ऐरिया में एक वर्कशाप की स्थापना करवायी।. दरअसल संजय गांधी आम आदमी के लिए कार बनाना चाहते थे ताकि आम जनता भी कार का लुत्फ उठी सके और वे उनके बजट में भी आये।. अतः 4 जून 1971 को उन्होने मारुति मोटर्स नामक कम्पनी की स्थापनी की।.वे कम्पनी सर्वप्रथम एम.डी. बने।. इस कम्पनी की स्थापना के लिए संजय गांधी ने लंदन की राॅल्स-राॅयस कम्पनी से इंटर्नशिप की थी।.
शिक्षा
संपादित करेंसंजय गांधी की प्रारम्भिक शिक्षा देहरादून के दूनस्कूल में हुयी। इसके बाद वे स्वीज़रलैण्ड चले गये यहां इन्होने इंटरनैशनल बोर्डींग स्कूल (इंकोल डी हिम्युमेनाइट) में पढ़ाई पुर्ण की।.पढ़ाई पुर्ण करने के बाद वे लंदन की राॅल्स-राॅयस कंपनी में इंटर्नशिप के लिए गये।.
ड्रिम प्रोजेक्ट के चलते प्रेमिका से हुये दूर
संपादित करेंलंदन में ही इनके जीवन में दो लड़कीयों का आना हुआ। पहली लड़की मुस्लिम समुदाय से थी,आपसी विचारधारा न मिलने के कारण यह रिश्ता ज्यादा दिनों तक न चल सका।. कुछ समय बाद संजयगांधी को जर्मनी की रहने वाली सैबीन वाॅन स्टीग्लिट्स से मोहब्बत हो गयी।. ये वही मोहतरमा थी जिन्होने सोनिया गांधी जी की मुलाकात,राजीव गांधी से करवाई थी।. यह रिश्ता भी ज्यादा दिनों तक न चल सका।. दरअसल संजयगांधी अपने ड्रिम प्रोजक्ट लेकर ज्यादा व्यस्त रहने लगे जिसके कारण दोनो के बीच दुरीयां बढ़ती चली गयीं। कुछ समय बाद 14 दिसम्बर 1973 में संजय गांधी मुलाकात अपने मित्र के दौरान मेनिका गांधी से हुयी।. दोनो एक दुसरे के करीब आये और 23 दिसम्बर 1974 दोनों ने शादी कर ली। यह शादी संजय गांधी के पुराने दोस्त मोहम्मद युनूस के घर में संपन्न होती है।. मेनिका गांधी जो लेफ्टनेंट कर्नल त्रीलोचन सिंह की बेटी थी, संजय गांधी से 10 साल छोटी थी। बताया जाता है कि इंदिरा गांधी ने, मेनिका गांधी को उपहार स्वरुप 21 साड़ीयां दी थी जिनमें से एक साड़ी जवाहरलाल नेहरू द्वारा इंदिरा गांधी को उपहार में दी गयी साड़ी भी थी।.
विमान हादसे में मौत
संपादित करेंशादी के 6 साल बाद 21 जून 1980 की सुबह संजय गांंधी एवं दिल्ली फ्लाइंग क्लब के पूर्व इंस्ट्रक्टर सुभाष सक्सेना के दिल्ली फ्लाइंग क्लब से उड़ान भरी।. हवा में काफी उंचाई पर जाने के बाद विमान का पिछला इंजन काम करना बंद कर देता है। परिणास्वरुप विमान अनियंत्रित होकर अशोक होटल के पिछे खाली पड़ी जमीन में क्रैश होता है। इस प्रकार 23 जून 1980 में संजय गांधी की मौत हो जाती है संजय गांधी का अंतिम समय पर इलाज दिल्ली के राम मनोहर लोहिया होस्पीटल में चला था।. आपको बताते चले इसी दिन चैनई में देश के चौथे राष्ट्रपति वी.वी गिरी का भी निधन हुआ था।. अतः इस दिन देश के झण्डे को आधा झुका दिया गया बहोत से लोगों को लगा की झण्डा संजय गांधी की मौत के कारण झुकाया गया है जबकि ऐसा नही था।. एक मां के समक्ष उसके बेटे का निधन होना बहोत ही दुख दायी है। इस दर्द को सिर्फ एक मां ही समझ सकती है, संजय जैसे भी थे आखिर थे तो अपने मां के लाल।.
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ इंडिया टुडे. "Maruti Commission report documents the story of Sanjay Gandhi's dream of building an automobile empire gone awry" (in अंग्रेज़ी). Archived from the original on 24 जून 2018. Retrieved 24 जून 2018.
- ↑ "आपातकाल, नसबंदी और मारुति 800... संजय गांधी ने कुछ ऐसे बदल दी थी भारतीय राजनीति की तस्वीर - Sanjay Gandhi Life Story Emergency Sterilization and Maruti 800 Sanjay Gandhi gave some such changes to the picture of Indian politics HPJagranSpecial". Jagran. Retrieved 2025-01-21.