संत जगजीवनदास का जन्म एक यादव परिवार में हुआ। इनके घर पर किसानी होती थी। सद्गुरु बुल्लासाहब से इनकी भेंट गाय बैल चराते हुए जंगल में हुई थी। उन्होंने चेताया, और इन्हें अपने स्वरूप का ज्ञान हो गया। एक ऊँचे घाट के संत थे। इन्होंने बाद में अपना 'सतनामी' पंथ चलाया। विनय का अंग इनकी बानी का बड़ा ही प्रभावोत्पादक है। कई पद तो अति मधुर और रसपूर्ण हैं।

संत जगजीवनदास
जन्म सन १७२७ ई ०
सरदहा गाँव (ज़िला बाराबंकी)
मौत सन १८१७ ई ०