यौगिक आँख (compound eye) कीटों और क्रस्टेशिया जैसे सन्धिपादों (ऑर्थ्रोपोडों) में दृश्य बोध का एक शारीरिक अंग होता है। इसमें ओमाटिडिया (ommatidia) कहलाने वाली हज़ारों प्रकाश के रंगचमक का बोध करने वाली अलग इकाईयाँ होती हैं, जिनमें प्रत्येक में अलग कोर्निया (स्वच्छमण्डल), लेंस और प्रकाश संवेदक कोशिकाएँ होती हैं।[1] किसी सन्धिपाद द्वारा देखी जाने वाली छवियाँ इन हज़ारों ओमाटिडिया द्वारा एकत्रित जानकारी को सम्मिश्रित कर के बनती हैं। मानवों व अन्य प्राणियों की आँख की तुलना में यौगिक आँख का छवि विभेदन कमज़ोर होता है लेकिन उसका दृष्टिकोण विस्तार, तेज़ हिलावट को भाँपने की क्षमता और कभी-कभी प्रकाश में ध्रुवण (पोलराइज़ेशन) भाँपने की क्षमता अधिक होती है।[2]

इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी द्वारा अंटार्कटिक क्रिल की यौगिक आँख का चित्रण

इन्हें भी देखें

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  1. "Senses. Insect eyes". Insects and Spiders of the World. Volume 8: Scorpion fly - Stinkbug. New York: Marshall Cavendish. 2003. पृ॰ 459. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0761473424.
  2. Völkel, R.; Eisner, M.; Weible, K.J. (June 2003). "Miniaturized imaging systems" (PDF). Microelectronic Engineering. 67-68: 461–472. डीओआइ:10.1016/S0167-9317(03)00102-3. मूल (PDF) से 2008-10-01 को पुरालेखित.