संयुक्त राष्ट्र भ्रष्टाचार-विरोधी अभिसमय
संयुक्त राष्ट्र भ्रष्टाचार-विरोधी अभिसमय या भ्रष्टाचार के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र की सन्धि (United Nations Convention against Corruption) एक बहुपक्षीय सन्धि है जिस पर संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश सन २००३ में सहमत हुए थे। यह विश्व की अकेली भ्रष्टाचार-विरोधी सन्धि है जो विधिसम्मत है।[1] इस सन्धि के अनुसार संयुक्त राष्ट्र सभी सदस्य देशों से अपेक्षा करता है कि वे भ्रष्टाचार-निरोधी विभिन्न उपायों को लागू करें जो मुख्यतः पाँच क्षेत्रों पर केन्द्रित है- भ्रष्टाचार से बचाव, कानून बनाना और लागू करना, इस क्षेत्र में अन्तरराष्ट्रीय सहयोग, पूंजी की वसूली, तकनीकी सहायता एवं सूचना का आदान-प्रदान। [2]
पूरा नाम:
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प्रारूपण | 31 अक्टूबर 2003 |
हस्ताक्षरित | 9 दिसम्बर 2003 |
स्थान | मेरिदा और न्युयॉर्क |
प्रवर्तित | 14 दिसम्बर 2005 |
शर्तें | 30 ratifications |
हर्ताक्षरकर्तागण | 140 |
भागीदार पक्ष | 186 |
निक्षेपागार | संयुक्त ऱाष्ट्रसंघ के महासचिव |
भाषाएँ | अरबी, चीनी, अंग्रेजी, फ्रान्सीसी, रूसी और स्पेनी |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Convention against Corruption". www.unodc.org. मूल से 22 मई 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2019-02-12.
- ↑ "UNODC and Corruption". unodc.org. United Nations Office on Drugs and Crime. मूल से 2 सितंबर 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 February 2017.