किसी प्रजाति की संरक्षण स्थिति इस संभावना की द्योतक है कि वह प्रजाति वर्तमान में या निकट भविष्य में विलोपन से बची रहेगी। किसी प्रजाति के संरक्षण स्थिति के आकलन के लिए कई कारकों को ध्यान में रखा जाता है: न केवल के उस प्रजाति के शेष सदस्यों की संख्या, अपितु उसकी जनसंख्या में एक खास अवधि के दौरान समग्र वृद्धि या कमी, प्रजनन सफलता की दर, ज्ञात जोखिम आदि।

संरक्षण स्थिति
विलुप्त होने का जोखिम
विलुप्त

विलुप्त
जंगल से विलुप्त

संकटग्रस्त

गंभीर रूप से विलुप्तप्राय
विलुप्तप्राय
असुरक्षित

कम जोखिम

संरक्षण पर निर्भर
संकटासन्न
खतरे से बाहर

यह भी देखें

प्रकृति संरक्षण हेतु अंतरराष्ट्रीय संघ
IUCN लाल सूची

IUCN संरक्षण स्थितियांविलुप्तविलुप्तजंगल से विलुप्तगंभीर रूप से विलुप्तप्रायविलुप्तप्राय प्रजातियांअसुरक्षित प्रजातियांसंकटासन्नसंकटग्रस्त प्रजातियांखतरे से बाहरखतरे से बाहर

वैश्विक प्रणाली संपादित करें

संकटग्रस्त प्रजातियों की IUCN लाल सूची, एक सबसे बेहतर विश्वव्यापी संरक्षण स्थिति संबंधी सूचीयन और रैंकिंग प्रणाली है। इस प्रणाली में संकटग्रस्त प्रजातियों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है: गंभीर रूप से विलुप्तप्राय (CR), विलुप्तप्राय (EN) और असुरक्षित (VU)। इसके साथ ही 1500 ई. से अब तक विलुप्त हो चुके और जंगल में विलुप्त हो चुके जीव भी सूचीबद्ध है। कम जोखिम वाले जीव भी श्रेणियों में विभाजित हैं। विलुप्तप्राय जीवों और वनस्पति के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का अंतर्राष्ट्रीय समझौता इस बात को सुनिश्चित करता है कि जंगली जानवरों और पौधों के नमूनों का व्यापार इन जीवों और वनस्पतियों के अस्तित्व को खतरे में ना डाल दे।

राष्ट्रीय प्रणाली संपादित करें