संरचनात्मक अनुकूलन कार्यक्रम(स्ट्रक्चरल एडजस्टमेंट प्रोग्राम) के नाम से भी जाना जाता है। विश्व बैंक तथा अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा ऋण प्राप्तकर्ता देशों में लागू करवाया जाने वाला एक कार्यक्रम है जिसके अंतर्गत वह ऐसे देशों से अधिक निजीकरण करने, बाज़ार खोलने तथा बजट घाटा कर करने, कर बढ़ाने आदि पर ज़ोर दिया जाता है।

1990 के दशक के उत्तरार्ध से, संरचनात्मक समायोजन के कुछ समर्थकों (जिसे संरचनात्मक सुधार भी कहा जाता है),[1] जैसे-विश्व बैंक, ने एक लक्ष्य के रूप में "गरीबी में कमी" की बात की है।


इन्हें भी देखें

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  1. डेविड, बी. ऑड्रेट्श; ऐरिक लेहमन (2016). द सैवन सीक्रेट्स ऑफ जर्मनी. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रैस. पृ॰ 104.