संवेगात्मक बुद्धि (इमोशनल इंटेलिजेन्स) स्वयं की एवं दूसरों की भावनाओं अथवा संवेगों को समझने, व्यक्त करने और नियंत्रित करने की योग्यता है। दूसरे शब्दों में, अपनी और दूसरों की भावनाओ को पहचानने की क्षमता, अलग भावनाओं के बीच भेदभाव और उन्हें उचित रूप से लेबल करना, सोच और व्यवहार मार्गदर्शन करने के लिए भावनात्मक जानकारी का उपयोग को संवेगात्मक बुद्धि (इमोशनल इन्टेलिजेन्स) कहते हैं। [1]

अपनी भावनाओं, संवेगों को समझना उनका उचित तरह से प्रबंधन करना ही भावनात्मक समझ है। व्यक्ति अपनी 'भावनात्मक समझ ' का उपयोग कर सामने वाले व्यक्ति से ज्यादा अच्छी तरह से संवाद कर सकता है और ज्यादा बेहतर परिणाम पा सकता है।

डेनियल गोलमैन की पुस्तक भावनात्मक बुद्धि' ने इस शब्द को को सारे विश्व में प्रचलित कर दिया। इससे पहले बुद्धि लब्धि को ही सब कुछ माना जाता था। अब यह माना जाने लगा है कि

एक अच्छी बुद्धि लब्धि वाला व्यक्ति अच्छी सफलता पा सकता है पर सबसे ऊपर पहुँचने के लिए भावनात्मक समझ का होना भी जरूरी है। अच्छी भावनात्मक समझ रखने वाला व्यक्ति कभी भी क्रोध और खुशी के अतिरेक में आ कर अनुचित कदम नही उठाता है।

भावनात्मक बुद्धि के तीन नमूने है। क्षमता नमूना पीटर सालवोय और जॉन मेयर द्वारा सांचलित है जो भावनात्मक प्रक्रिया की जानकारी और सामाजिक वातावरण नेविगेट करने के लिए इसका इस्तेमाल करने के लिए व्यक्ति की क्षमता पर केंद्रित है।[2] कोन्स्टेंटीन वॅसिली पेत्रिदेस द्वारा विकसित नमूने मे व्यवहार स्वभाव और स्वयं कथित क्षमता शामिल है और आत्म वर्णन के माध्यम से मापा जाता है। आखरी नमूना एक क्षमता और विशेषता का मिश्रण है।[3] यह डॅनियल गोलेमान द्वारा विकसित नमूना, भावनात्मक बुद्धि को कौशल और विशेषताओं की सरणी के तौर पर परिभाषित किया है जो नेतृत्व के प्रदर्शन के लिए मार्ग का काम करता है। [4] अध्ययन उच्च भावनात्मक बुद्धि के साथ लोगों को अधिक से अधिक मानसिक स्वास्थ्य, अनुकरणीय काम के प्रदर्शन, और अधिक शक्तिशाली नेतृत्व कौशल है कि पता चला है। उदाहरण के लिए, अपनी पुस्तक में गोलेमान के अनुसंधान, भावनात्मक बुद्ध के साथ कार्य करना, सूचित करता है की भावनात्मक गुणक नेताओ मे श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए सड़सठ प्रतिशत उत्तरदायी है और तकनीकी विशेषज्ञता या बुद्धि से दो गुणा ज़्यादा मायने रखता है।[5] भावनात्मक बुद्ध की अंकित करनेवाले और इसे विकसित करने के तरीकों को और अधिक व्यापक रूप से प्रतिष्ठित पिछले कुछ दशकों में बन गए हैं। इसके अलावा, अध्ययन भावनात्मक खुफिया के तंत्रिका तंत्र को चिह्नित करने में मदद करने के लिए साक्ष्य उपलब्ध कराने के लिए शुरू कर दिया है।.[6][7][8]

भावनात्मक बुद्ध पर आधारित आलोचनाओं प्रश्ना करता है की क्या भावनात्मक बुद्ध असली बुद्धि है और क्या उसकी वृद्धिशील वैधता बौद्धिक भागफल और पांच बड़े व्यक्तित्व लक्षण से बढ़कर है।[9]

१९८३ मे, हवर्ड गार्डनर के फ़्रेम्स ऑफ माइंड: मल्टिपल इंटेलिजेन्स [10] के सीधंत ने अवधारण प्रस्तुत किया की परंपरागत प्रकार की बुद्ध, जैसे पारस्परिक खुफिया (इरादे, मंशा और अन्य लोगों की इच्छाओं को समझने की क्षमता) अंतरावैयक्तिक बौद्धिकता (भावनाओं, भय और मंशा की सराहना करते हैं, अपने आप को समझने की क्षमता)|. [11] वेन पेन द्वारा १९८५ मे लिखित डॉक्टरेट थीसिस, अ स्टडी ऑफ एमोशन: डेवेल्पॉइंग एमोशनल इंटेलिजेन्स [12] मे "भावनात्मक बुद्ध" वाक्य पहली बार प्रस्तुत हुआ था। भावनात्मक गुणक का पहला उपयोग कीत बीज़्ली के १९८७ के लेख, ब्रिटिश मेन्सा मॅगज़ीन [13] मे प्रस्तुत हुआ था। तथापि, इसे पहले "भावनात्मक बुद्ध" वाक्य बेल्डक (१९६४)[14] और लूनर (१९६६)Leuner, B (1966). [15] द्वारा उपयोग किया गया है। स्टॅन्ली ग्रीनस्पॅन (१९८९), के बाद पीटर सलोवे और जॉन मेयर (१९८९). [16]. ने भी भावनात्मक बुद्ध पर नमूने निकाले थे। विशेषता भावनात्मक बुद्ध और क्षमता भावनात्मक बुद्ध २००० मे प्रस्तुत किया गया। .[17] तथापि, गोलेमान द्वारा प्रस्तुत एमोशनल इंटेलिजेन्स- वाइ इट कॅन मॅटर मोरे तन आईक्यू (१९९५) से यह वाक्य ज़्यादा उपयोग होने लगा।[18] यह पुस्तक की सबसे अच्छी बिक्री की स्थिति के व्जह से यह वाक्य लोकप्रिय हुआ।[19][20] गोलेमान ने इस पुस्तक के बाद बोहोत सारेइसी तरह के विषय पर प्रकाशनों निकले जिसने यह वाक्य को और सुदृढ़ कर कर दिया।[21][22][23][24][25] तिथि करने के लिए, अभी तक बुद्धि परीक्षा की जगह भावनात्मक बुद्ध ने नही लिया है। नेतृत्व और व्यापार की सफलता की भूमिका पर भावनात्मक बुद्ध को कही आलोचना मिले है। "Why emotional intelligence is just a fad - CBS News". Web.archive.org. 2012-02-13. Retrieved 2014-03-07[26]

व्याख्या

संपादित करें

हमारे स्वयं की भावनाओं (संवेगों) को गिफ्ट करने तथा उन्हें नियंत्रित करने की योग्यता महत्वपूर्ण है लेकिन दूसरों की भावनाओं एवं संवेगों को समझना और उन्हें सम्मान देना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।

एक संसार की कल्पना कीजिए जिसमें भावनाओं एवं संवेगों का कोई स्थान नहीं हो कोई ज्ञान नहीं होता अब कैसा महसूस होता है जब एक मित्र दुखी महसूस कर रहे हो और एक से कमी बहुत गुस्से में हो लेकिन हम इन भावनाओं को पहचान भी नहीं पा रहे हो मनोवैज्ञानिक उसी योग्यता को सद्बुद्धि कहते हैं जिसमें भावनाओं को पहचाना जाता है कुछ वैज्ञानिक इसे बुद्धि लब्धि से भी महत्वपूर्ण मानते हैं 1990 के दशक से पीटरसन हो गए और जॉन में हर साल की बुद्धि के प्रमुख शोधकर्ता आ रहे कुछ शोधकर्ता सामाजिक बुद्धि को जन्मजात मानते हैं वहीं दूसरी ओर कई विद्वानों का मानना है कि इंसान की बुद्धि को अर्जित एवं इसका परिवर्तन किया जा सकता है चलो वह मरने सामाजिक बुद्धि की पहचान के लिए चार क्षेत्र बताएं पहला सभी को पर ध्यान देना दूसरा संवेगों को व्यक्त करने की योग्यता तीसरा संवेगों को समझने की योग्यता एवं चौथा संवेगों को नियंत्रित करने की योग्यता सामाजिक बुद्धि एक व्यवहारवादी अवधारणा है डेनियल गोलमान की पुस्तक इमोशनल इंटेलीजेंस से यह विषय प्रकाश में आया सावन की बुद्धि का वास्तविक सिद्धांत 1970 से 80 के दशक में हार्वर्ड के हॉवर्ड गार्ड न्यालय केपिटल ऑफ न्यू हम शायर के जून जट मैया राधे मनोवैज्ञानिकों के कार्यों और कृतियों में विकसित हुआ सा विकृत बुद्धि का सत्य प्रेम आध्यात्मिकता की अवधारणा से मजबूती से जुड़ा हुआ है सामाजिक बुद्धि की अवधारणा व्यक्तियों के व्यापार प्रबंधन प्रणाली अभिरुचि अंतर व्यक्तिगत कौशल और जज्बे को एक नई दिशा प्रदान करता है यह मानव संसाधन की योजना विभिन्न भर्ती साक्षात्कार एवं जयन प्रबंधन विकास उपभोक्ता सम्मान एवं उपभोक्ता सेवाओं कक्षा 10 से क्षणिक व्यवहार आदि में महत्वपूर्ण है गोवेर्मेंट के अनुसार सामाजिक बुद्धि के 5 आयाम पहला स्वयं की भावनाओं व संवेगों को पहचानना दूसरा स्वयं की भावनाओं में संवेगों का प्रबंधन तीसरा स्वयं को प्रेरित करना तथा दूसरों की भावनाओं को पहचानना वह समझना पांचवा आपसी संबंधों का प्रबंधन करना कुछ अध्ययनों से ज्ञात हुआ है कि समय की बुद्धि तथा कक्षा गत व्यवहार आपस में संबंधित व्यक्ति हैं हाल ही में शोधकर्ताओं ने पाया है कि संवेगों की सुरक्षा अधिकारी के बारे में महत्वपूर्ण भूमिका होती है विच्छेद कारी व्यवहार में वे समस्त प्रतिनिधियां सम्मिलित हैं जो अधिगम प्रक्रिया को बाधित करते हैं तथा उसी प्रकार शिक्षकों के लिए दबाव उत्पन्न करते हैं इस क्षेत्र में कई दृष्टिकोण ऐसे विचारों पर ध्यान देते हैं जो अधिकांश रूप में बार-बार होते हैं तथा क्यों के लिए समस्या मुल्क है समय की बुद्धि के कार्यक्रम कक्षा में विशेष कार्य के बारे में शैक्षणिक प्रदर्शन में वृद्धि विद्यालय संग्लित ता ता था ठहराव के उच्च स्तर आदि को सम्मिलित कर सकते हैं पक्षाघात विच्छेद दोनों में कमी से अधिक से ऊपर आने वाले दबाव में कमी आएगी तथा समय की बचत होगी अर्थार्थ कक्षा प्रबंधन में लगने वाले समय की बचत होगी इस अतिरिक्त समय का सदुपयोग शिक्षक शैक्षणिक गतिविधियों में कर सकता है क्योंकि आज के विद्यार्थी भविष्य में समाज के उत्पादक बनते हैं अतः भावनात्मक गुस्सा हे कुशलता में वृद्धि होने समाज का सृजनात्मक प्रधान सकारात्मक नागरिक बनाती है।

  1. Coleman, Andrew (2008). A Dictionary of Psychology (3 संस्करण). Oxford University Press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780199534067.
  2. Salovey, Peter; Mayer, John; Caruso, David (2004), "Emotional Intelligence: Theory, Findings, and Implications", Psychological Inquiry, पपृ॰ 197–215
  3. Petrides, Konstantin; Furnham, Adrian (2001), "Trait Emotional Intelligence: Psychometric Investigation with Reference to Established Trait Taxonomies", European Journal of Personality, पपृ॰ 425–448
  4. Goleman, Daniel (1998), What Makes a Leader?, Harvard Business Review
  5. Goleman, D. (1998). Working With Emotional Intelligence. New York, NY. Bantum Books.
  6. Barbey, Aron K.; Colom, Roberto; Grafman, Jordan (2012). "Distributed neural system for emotional intelligence revealed by lesion mapping". Social Cognitive and Affective Neuroscience. 9 (3): 265–272. PMID 23171618. डीओआइ:10.1093/scan/nss124.
  7. Yates, Diana. "Researchers Map Emotional Intelligence in the Brain". University of Illinois News Bureau. University of Illinois. मूल से 13 अगस्त 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 मार्च 2016.
  8. "Scientists Complete 1st Map of 'Emotional Intelligence' in the Brain". US News and World Report. 2013-01-28. मूल से 14 अगस्त 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 मार्च 2016. |firstlast1= missing |lastlast1= in first1 (मदद)
  9. Harms, P. D.; Credé, M. (2010). "Remaining Issues in Emotional Intelligence Research: Construct Overlap, Method Artifacts, and Lack of Incremental Validity". Industrial and Organizational Psychology: Perspectives on Science and Practice. 3 (2): 154–158. डीओआइ:10.1111/j.1754-9434.2010.01217.x.
  10. Gardner, H. (1983). Frames of mind. New York: Basic Books.
  11. Smith, M.K. (2002) "Howard Gardner and multiple intelligences", The Encyclopedia of Informal Education, downloaded from http://www.infed.org/thinkers/gardner.htm Archived 2005-11-02 at the वेबैक मशीन on October 31, 2005.
  12. Payne, W.L. (1983/1986). A study of emotion: developing emotional intelligence; self integration; relating to fear, pain and desire. Dissertation Abstracts International, 47, p. 203A (University microfilms No. AAC 8605928)
  13. Beasley, K. (1987). The Emotional Quotient. Mensa, May 1987, p25.
  14. Beldoch, M. (1964), Sensitivity to expression of emotional meaning in three modes of communication, in J. R. Davitz et al., The Communication of Emotional Meaning, McGraw-Hill, pp. 31-42
  15. Leuner, B (1966). "Emotional intelligence and emancipation". Praxis der Kinderpsychologie und Kinderpsychiatrie. 15: 193–203.
  16. Salovey, P.; Mayer, J.D. (1989). "Emotional intelligence". Imagination, Cognition, and Personality. 9 (3): 185–211. डीओआइ:10.2190/dugg-p24e-52wk-6cdg.
  17. Petrides, K.V.; Furnham, A. (2000a). "On the dimensional structure of emotional intelligence". Personality and Individual Differences. 29: 313–320. डीओआइ:10.1016/s0191-8869(99)00195-6.
  18. Goleman, D., (1995) Emotional Intelligence, New York, NY, England: Bantam Books, Inc.
  19. "Dan Goleman". Huffingtonpost.com. मूल से 4 मार्च 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2014-03-07.
  20. Dan Schawbel. "Daniel Goleman on Leadership and The Power of Emotional Intelligence - Forbes". Web.archive.org. मूल से पुरालेखित 2 मई 2015. अभिगमन तिथि 2014-03-07.सीएस1 रखरखाव: BOT: original-url status unknown (link)
  21. Goleman, D. (1998), Working with Emotional Intelligence
  22. Goleman, D. (2006), Social Intelligence: The New Science of Human Relationships
  23. Lantieri, L. and Goleman, D. (2008), Building Emotional Intelligence: Techniques to Cultivate Inner Strength in Children
  24. Goleman, D. (2011), The Brain and Emotional Intelligence: New Insights
  25. Goleman, D. (2011), Leadership: The Power of Emotional Intelligence
  26. "Why emotional intelligence is just a fad - CBS News". Web.archive.org. 2012-02-13. मूल से पुरालेखित 26 अप्रैल 2015. अभिगमन तिथि 2014-03-07.सीएस1 रखरखाव: BOT: original-url status unknown (link)