संवेदी स्मृति
संवेदी स्मृति एक प्रकार की अवास्तविक स्मृति होती है, यह भ्रम कई बार आंखों के द्वारा दिये गए संकेत का दिमाग में बनने वाली छवि के कारण होता है। जब भी हम कोई गतिशील वस्तु को देखते हैं तो आँख दिमाग को उस छवि का संकेतों के रूप में भेजता है, परन्तु वस्तु के गति में होने के कारण बहुत अधिक संकेत दिमाग को मिलता है और दिमाग समझने के लिए उन संकेतों को सरल कर देता है। जिससे कोई भी वस्तु हमें अधिक गति के समय लंबी और रेखा के रूप में दिखाई देती है। इसे लघु अवधि स्मृति भी कहा जा सकता है।[1]
विशेषता संपादित करें
यह हमारे नियंत्रण में न होकर स्वतः प्रतिक्रिया करता है। उदाहरण के लिए यदि हम कोई वीडियो या फ़िल्म देखते हैं तो सामान्य: कोई भी वीडियो 25 छवि प्रति सेकंड होता है, अर्थात आप हर सेकंड लगभग 25 छवि को देखते रहते हैं वीडियो में। यदि इस प्रकार की विशेषता हमारे दिमाग में नहीं होती तो हमें यह केवल छवि के रूप में ही दिखाई देता या हमें अधिक छवियों का उपयोग करना पड़ता।[2]
इन्हें भी देखें संपादित करें
सन्दर्भ संपादित करें
- ↑ Carlson, Neil R. (2010). Psychology the science of behavior. Pearson Canada Inc. पृ॰ 232. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780205645244.
- ↑ (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर